कौन बनेगा सीबीआई बॉस ! शुक्रवार को फिर बैठक, समिति सदस्यों को इस बार भी नहीं दिए गए शार्टलिस्ट अफसरों के नाम
देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के नए डायरेक्टर का नाम तय करने के लिए एक बार फिर शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर बैठक होगी। बैठक में पीएम मोदी केअलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई हिस्सा लेंगे।
सीबीआई का नया बॉस कौन होगा, इस पर अभी तक रहस्य बना हुआ है। शुक्रवार को एक बार फिर पीएम मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक होगी, लेकिन सीबीआई के नए डायरेक्टर के नाम पर सहमति हो ही जाएगी, इसे लेकर अनिश्चितता बरकरार है।
अटकलों के बीच सरकार का इरादा सीबीआई में अंतरिम व्यवस्था बनाए रखने का ज्यादा नजर आता है। लेकिन इस बार की बैठक से पहले समिति के ऐसे आईपीएस अफसरों के बारे में सारी जानकारी सदस्यों को उपलब्ध करा दी गई है, जो सीबीआई का डायरेक्टर बनाए जाने की पात्रता रखते हैं। पिछली बार हुई बैठक में कोई फैसला इसलिए नहीं हो पाया था क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे और चीफ जस्टिस दोनों ने ही मुद्दा उठाया था कि उन्हें पात्र अफसरों की जानकारियां नहीं दी गईं।
तो क्या मोदी सरकार जानबूझकर सीबीआई के नए डायरेक्टर के चुनाव में देरी कर रही है? और क्या इस बार भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाएगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है उन्हें 78 आईपीएस अफसरों की सूची मिली है, लेकिन इसमें शार्टलिस्ट किए गए अफसरों की अलग से सूची नहीं है, जिससे पता चल सके कि आखिर सरकार किस अफसर को सीबीआई प्रमुख बनाना चाहती है या फिर शार्टलिस्ट किए जाने का पैमाना क्या है।
इसके अलावा यह भी साफ नहीं है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और चीफ जस्टिस के एक ही सूची भेजी गई है या अलग-अलग। शार्टलिस्टेड अफसरों की सूची न होने के कारण इस मुद्दे पर फैसला फिर से लटक सकता है। मल्लिकार्जुन खड़गे को जिन 78 अफसरों की सूची मिली है उसमें 1982, 1983, 1984 और 1985 बैच के आईपीएस अफसरों के नाम हैं। सूची में इन अफसरों की सर्विस डिटेल और अनुभव का भी जिक्र है, जोकि पिछली बार नहीं दिया गया था।
मल्लिकार्जु खड़गे ने कहा है कि, “जो सूची मिली है उसमें अफसरों की सर्विस डिटेल और अनुभव आदि का जिक्र है। शार्टलिस्टेड सूची नहीं है। मैंने पूरी सूची देख ली है, देखिए कल की बैठक में क्या होता है।”
पिछली बार इस मुद्दे पर 24 जनवरी को बैठक हुई थी, जिसमें खड़गे को 90 अफसरों के नामों की सूची दी गई थी। इस सूची में अफसरों के सिर्फ नाम, बैच और उनके रिटायर होने की जानकारी थी।
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लेकिन मीडिया में शार्टलिस्टेड अफसरों की सूची उपलब्ध है। अलग-अलग मीडिया में 4 से 12 और कुछ में 33 अफसरों के नामों का जिक्र किया जा रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में 33 अफसरों के नाम हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के डीजीपी आर के शुक्ला भी शामिल हैं। वहीं सीआरपीएफ डीजी आर आर भटनागर, सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अरविंद कुमार, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च के डीजी ए पी महेश्वरी और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजपी जावीद अहमद का नाम भी है। जावीद अहमद सीबीआई में 13 साल काम कर चुके हैं। कुछ अपुष्ट रिपोर्ट के मुताबिक सूची में सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना का नाम भी शामिल है।
गौरतलब है कि बीते साल 23 अक्टूबर को आधी रात में जब केंद्र सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना अचानक छुट्टी पर भेज दिया था, तब से सीबीआई में अफसरों की आपसी लड़ाई खुलकर सामने आ गई थी।
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