ईडी के दावे पर सीएम केजरीवाल का सवाल- सिर्फ जमानत के लिए "लकवे" का जोखिम उठा सकते हैं क्या?
सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा,“ईडी ने दावा किया कि वह जमानत पाने के लिए अपने ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं। क्या सीएम केजरीवाल जमानत के लिए लकवे का जोखिम उठा सकते हैं?"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ईडी पर उनके डॉक्टर द्वारा तैयार आहार चार्ट को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। जानबूझकर शुगर के स्तर को बढ़ाने के एजेंसी के आरोपों का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वह सिर्फ जमानत के लिए "लकवे" का जोखिम नहीं उठा सकते।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 22 अप्रैल के लिए डॉक्टर से परामर्श की मांग वाली सीएम केजरीवाल की अर्जी पर अपना फैसला सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया और तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो, तो शनिवार तक जवाब दाखिल किया जाए।
सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा,“ईडी ने दावा किया कि वह जमानत पाने के लिए अपने ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं। क्या सीएम केजरीवाल जमानत के लिए लकवे का जोखिम उठा सकते हैं? उन्होंने जो भी खाया, वह गिरफ्तारी से पहले डॉक्टर द्वारा तैयार डाइट चार्ट के अनुसार था।”
आप की ओर से कहा गया कि ईडी "संकीर्ण" हो रहा है और सीएम केजरीवाल के भोजन का "राजनीतिकरण" कर रहा है।
गुरुवार को जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि सीएम केजरीवाल जमानत के लिए केस बनाने को अपने ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने के लिए तिहाड़ जेल में जानबूझकर आम और अन्य मीठा भोजन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल उत्पाद शुल्क नीति मामले में 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने आरोप लगाया है कि सीएम केजरीवाल टाइप 2 डायबिटीज के मरीज होने के बावजूद जानबूझकर नियमित रूप से चीनी वाली चाय, केला, मिठाई, पूड़ी, आलू की सब्जी आदि का सेवन कर रहे हैं। ऐसी वस्तुओं के सेवन से शुगर के स्तर में वृद्धि होती है।”
एजेंसी ने यह भी कहा कि यह मेडिकल आपात स्थिति पैदा करने के लिए किया जा रहा है, ताकि इसके आधार पर जमानत प्राप्त किया जा सके।
सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को एक नया आवेदन कर जेल अधिकारियों को इंसुलिन देने का निर्देश देने और अपने मधुमेह व ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव के लिए प्रतिदिन 15 मिनट के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श की अनुमति देने की मांग की।
सीएम केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने तीन बार आम और एक बार आलू पूड़ी खाई।
सिंघवी ने अदालत को बताया कि "आरोप है सीएम केजरीवाल आम खा रहे हैं, जबकि अब तक जेल में वह केवल तीन बार ही आम खाए हैं। आठ अप्रैल के बाद घर से आम नहीं भेजा गया है।"
केजरीवाल ने कहा, “मैं चाय में शुगर फ्री का उपयोग करता हूं। ईडी कितनी तुच्छ, राजनीतिक और हास्यास्पद हो सकती है? उनके बयान पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं।''
सिंघवी ने कहा कि क्या हमारे मुवक्किल गैंगस्टर हैं, उन्हें अपने डॉक्टर से 15 मिनट के लिए परामर्श की भी अनुमति नहीं दी जा सकती? 75 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है।''
ईडी ने सिंघवी की दलील का विरोध करते हुए दावा किया कि सीएम केजरीवाल के आहार की सामग्री डॉक्टर द्वारा निर्धारित आहार से मेल नहीं खाती।
इसने सीएम केजरीवाल के डॉक्टर से परामर्श लेने के आवेदन का भी विरोध करते हुए कहा कि जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं हैं।
सीएम केजरीवाल के वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने कहा,“ईडी का इस सुनवाई से क्या लेना-देना है? यह मेरे मुवक्किल और जेल तथा अदालत के बीच है? वे मीडिया ट्रायल कर रहे हैं और प्रेस जो चाहे प्रकाशित कर रहा है।”
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia