बंगाल में दुर्गा पूजा पर लगेंगे पंडाल, लेकिन प्रवेश रहेगा निषेध, कलकत्ता हाईकोर्ट ने घोषित किया नो एंट्री जोन
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को ‘नो-एंट्री जोन’ घोषित करते हुए पंडालों के बाहर प्रवेश निषेध का बोर्ड लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अंदर केवल आयोजनकर्ताओं को जाने की अनुमति होगी और उनके नाम भी पहले से तय करने होंगे।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश देते हुए पश्चिम बंगाल के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को लोगों के लिए 'नो-एंट्री जोन' बनाने का निर्देश दिया है। बंगालियों के सबसे बड़े पांच दिवसीय पर्व के ठीक शुरुआत में यह आदेश आया है। अदालत ने कहा कि छोटे पंडालों के लिए पांच मीटर का क्षेत्र और बड़े पंडालों के लिए 10 मीटर क्षेत्र को भी नो-एंट्री जोन में शामिल किया गया है।
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि पंडालों के अंदर केवल आयोजनकर्ताओं को जाने की अनुमति होगी और उनके नाम भी पहले से तय होंगे। कोर्ट ने आदेश में कहा कि छोटे पूजा पंडाल के मामले में 15 से अधिक और बड़ी पूजा के मामले में 25 पहले से आइडेंटिफाइड किए गए लोगों को बफर जोन या पंडालों के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। आयोजकों इन को लोगों की सूची को सख्ती से बनाए रखना होगा। सूची अस्थायी नहीं होगी।
अदालत ने आदेश में कहा कि कोरोनो वायरस महामारी को देखते हुए, पंडाल क्षेत्रों को बैरिकेडिंग करना होगा और नो-एंट्री जोन के रूप में सीमांकन करना होगा, सिवाय उन लोगों को छोड़कर जिन्हें आयोजकों द्वारा पहले से आइडेंटिफाइड किया गया है। यह आदेश राज्य भर में लागू होगा, जिसमें सभी पूजा शामिल हैं, जिसके लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले राज्य प्रशासन से 50,000 रुपये मिले हैं। कोलकाता पुलिस नियमावली में उल्लिखित सभी प्रमुख पूजाओं को बड़े पंडालों में होने वाली पूजा के रूप में माना जाएगा।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह लोगों से सोशल डिस्टिेंसिंग दिशानिर्देशों को बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का अनुरोध करे। इस बीच, 26 पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) वैन और 13 एडिशनल हैवी रेडियो फ्लाइंग स्क्वॉड के साथ कम से कम 600 पुलिसकर्मियों को कोलकाता और इसके आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि उत्सव के दौरान भीड़ का प्रबंधन किया जा सके। इनके अलावा, 31 रैपिड-सिटी पेट्रोल बाइक, 16 एम्बुलेंस और 73 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों को भी दुर्गा पूजा के दौरान निगरानी के काम में लगाया गया है।
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