महाराष्ट्र सीएम के काफिले पर बुलडोजर से फूलों की वर्षा, क्या स्वागत के लिए पीएम की नकल कर रहे हैं मुख्यमंत्री!
महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे के स्वागत में फूल बरसाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। इस पर कई किस्म की टिप्पणियां हो रही हैं। कुछ का कहना है कि शिंदे पीएम की नकल कर रहे हैं, तो कुछ कहते हैं कि वे योगी को कोई संदेश दे रहे हैं।
"गैरकानूनी तरीके से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे ने सतारा में अपने स्वागत में फूल बरसाने के लिए 50 जेसीबी मशीनों (बुलडोजर) का इस्तेमाल किया। आत्म प्रशंसा और स्तुति के लिए ऐसा तो अतीत के राजा-महाराजा तक नहीं करते थे।" सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सुधींद्र कुलकर्णी ने रविवार को इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में यह लिखा।
इस तरह के 'शाही' आदर-सत्कार का विचार शिंदे को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केरल और कर्नाटक में किए गए रोड शो से आया हो सकता है।
केरल में तो प्रधानमंत्री अपनी कार से उतरकर अपने काफिले से आगे निकलकर पैदल चलने लगे थे, जहां सड़क के दोनों ओर लोग उन पर फूल बरसाने के लिए जमा थे या किए गए थे।
ऐसा ही कुछ बेंग्लुरु के रोड शो में दोहराया गया, जहां पीएम कार में खड़े हुए और सन रूफ से भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। यहां भी सड़क के दोनों ओर खड़े लोग उन पर पुष्पवर्षा कर रहे थे।
राजनीतिक कार्यक्रमों आदि में अब तो मानो यह प्रथा हो गई है कि गेंदे के चमकदार पीले फूल नेताओं पर बरसाए जाने लगे हैं। इन फूलों की कीमत 100 से 150 रुपए प्रति किलो तक होती है। और तस्वीरें और वीडियो आदि देखकर साफ लगता है कि ये फूल बरसाने के लिए भीड़ को जमा किया जाता है, और उन्हें पार्टी या आयोजकों की तरफ से फूल दे दिए जाते हैं जो वे नेता पर फेंकते हैं।
पर्यवेक्षक और विश्लेषक इस बात पर व्यंग्य भी करते हैं कि 'ऐसा लगता है कि सभी लोगों ने एक ही तरह के फूल एक ही दुकानदार से खरीदे हैं!
और अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर पीएम की नकल करने के आरोप लग रहे हैं। सतारा के बारे में समाचार पत्र लोकसत्ता द्वारा पोस्ट किए गए एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे लोग मुख्यमंत्री के काफिले पर मुट्ठी में भर-भर के गेंदे के फूलों की पंखुड़ियों बरसा रहे हैं। लेकिन रोचक बात यह है कि इस मौके पर भीड़ गायब थी और ऐसा लगता है कि यह कोई कंसट्रक्शन साइट है जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं दिखती।
शायद इसीलिए किसी नेता ने उत्साह में आकर इस रास्ते पर दोनों ओर बुलडोजर की कतार लगवा दी और हर जेसीबी मशीन पर फूलों के साथ 4-5 लोगों को चढ़ा दिया। दरअसल इस किस्म का स्वागत इससे पहले शायद ही किसी मुख्यमंत्री का कहीं और हुआ हो।
वैसे ईमानदारी से कहें तो ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता कि मुख्यमंत्री ने ये सब करने की मंजूरी दी हो कि उनके स्वागत में उन पर फूलों की वर्षा हो, वह भी बुलडोजर से?
वैसे सोशल मीडिया पर इसे देखकर लोगों को स्वागत का यह तरीका कुछ अटपटा तो लगा ही। और इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या शिंदे ने अपने स्वागत में बुलडोजर का इस्तेमाल कर कोई खास किस्म का संदेश या प्रतीकवाद का इस्तेमाल किया। चर्चा यह भी है कि क्या शिंदे उत्तर प्रदेश में अपने समकक्ष सीएम योगी आदित्यनाथ को यह संदेश दे रहे थे कि बुलडोज़र का इस्तेमाल गरीबों या असहमति जताने वालों के घरों को तोड़ने के बजाय फूल बरसाने के लिए ज्यादा सही तरीके से हो सकता है?
कारण और संदेश कुछ भी हो, लेकिन इस साल के आखिर में भी कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और गेंदे के फूलों का कारोबार खूब फलेगा-फूलेगा। ऐसे में फूल बरसाने के लिए हो सकता है आने वाले दिनों में जेसीबी मशीनों के इस्तेमाल का प्रचलन बढता हुआ दिखे।
वैसे सिर्फ यूं ही बता देते हैं कि अमेज़न पर 250 रुपये से 500 रुपये के बीच काफी आकर्षक किस्म की गेंदे की माला बिकती है, और गेंदे की खेती करने वाले इस बहाने खूब पैसे कमा रहे हैं और चुनावी मौसम में तो उनकी बल्ले बल्ले हो ही जाती है। फिर भी, यदि आप बेरोज़गार हैं और अभी तक पकौड़े बेचने का काम नहीं कर रहे हैं, तो शायद आप गेंदे के फूल बेचकर अपनी जीविका चला सकते हैं। हो सकता है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री शिंदे और उनके जैसे लोग यही संदेश दे रहे हों?
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