बुलंदशहर पीड़ितों का पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने दी आंदोलन की चेतावनी
बुलंदशहर में दलित महिला से छेड़छाड़ का विरोध करने पर ऊंची जाति के युवक द्वारा गाड़ी से कुचलकर दो महिलाओं को मारने और दो लोगों को घायल करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के सामने पीड़ितों ने पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक दिन पहले छेड़छाड़ का विरोध करने पर दलित परिवार को कार से कुचलने के मामले को लेकर इलाके के दलितों में रोष बढ़ रहा है। इस घटना को लेकर दलित बहुल बुलंदशहर में दलितों में नाराजगी दिखने लगी है। बुधवार को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान जिस युवती के साथ छेड़छाड़ की बात कही जा रही है आज उसने भीम आर्मी प्रमुख के सामने भी पूरी कहानी बताई। चंद्रशेखर ने पीड़ितों की लड़ाई लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि पुलिस अगर कहानी बदलने की कोशिश करेगी तो भीम आर्मी इस मुद्दे को लेकर बुलंदशहर में आंदोलन करेगी।
पीड़ितों ने चंद्रशेखर को बताया कि पुलिस मामले का रुख बदल रही है। पीड़ितों का आरोप है कि आरोपी ठाकुर हैं, इसलिए पुलिस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पुलिस की सारी कोशिशें आरोपियों के पक्ष में दिखाई देती हैं। गौरतलब है कि घटना के बारे में बुलंदशहर एसएसपी एन कोलांची ने कहा कि परिवार के लोगो ने पहले सामान्य एक्सीडेंट की सूचना दी थी। लेकिन कुछ घंटे बाद उन्होंने तहरीर बदल दी। आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और उनका कहना है कि वो नशे में थे, जिससे एक्सीडेंट हो गया। एसएसपी ने यह भी दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ के सुबूत नहीं हैं, जबकि गाड़ी से टक्कर दिखाई देती है।
पुलिस की इस कहानी को पीड़ितों के परिजनों ने नकार दिया। घटना का मुख्य केंद्र मानी जा रही युवती मानसी (बदला हुआ नाम) के अनुसार, “पुलिस की कहानी झूठी है। वो आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। सच ये है कि हमारे यहां शादी थी और मेहमान इकट्ठा थे। घटना वाले दिन जयवीर ठाकुर का लड़का नकुल मेरे पास आया और गाड़ी में बैठने के लिए बोला। मैंने विरोध किया तो उसने मेरा हाथ पकड़कर जबरदस्ती करने की कोशिश की। शादी में आए हुए मेरे मौसा जी ने ये देखा तो पूछा क्या हुआ। मैंने जो हुआ उन्हें बता दिया, जिसपर उस लड़के को मेरे मौसा जी ने दो थप्पड़ मार दिए। इसके बाद वो थोड़ी दूर खड़ी अपनी कार में जाकर बैठ गया और बहुत तेजी से दौड़ाते हुए उसने हम सब पर कार चढ़ा दी, जिससे मेरी मां और मौसी की वहीं पर मौत हो गई, जबकि मेरे मौसा जी और मेरा भाई आईसीयू में भर्ती है।"
बता दें कि सोमवार की रात लगभग 11 बजे बुलंदशहर से सटे गांव चांदपुर में गाड़ी से एक दलित परिवार को टक्कर मार दी गई थी। जिसमें एक ही परिवार की दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में पीड़ित युवती की मां सन्तो देवी, मौसी उर्मिला की मौत हो गई थी, जबकि भाई जितेंद्र और रिश्तदार त्रिभुवन गंभीर रूप से घायल हैं। बताया गया कि ये टक्कर परिवार की बेटी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर मारी गई थी। आरोपी नकुल ठाकुर पड़ोस का ही रहने वाला बताया जा रहा है।
बुलंदशहर के जिस गांव में यह घटना हुई वह कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में आता है और शहर से बिल्कुल लगा हुआ है। यहीं हाइवे से सटे दलित बस्ती में यह मामला हुआ है। घटना के बाद से इलाके के दलितों में जबरदस्त रोष है। घटना के बाद पुलिस के रवैये से नाराज दलितों ने मंगलवार को सड़क जाम भी किया था, जिसके बाद एक दूसरी तहरीर पर मुकदमा लिखा गया।
मृतका संतो देवी की बहन हेमलता के मुताबिक पुलिस शुरुआत से ही पूरे मामले को दबा रही है। हेमलता ने बताया, “रातों-रात पोस्टमार्टम करके सुबह चार बजे मृतकों के लाश हमारे घर ले आए गए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगा दी गई। अगर यह आम हादसा था तो इतनी पुलिस क्यों लगाई गई। पुलिस तो हमारा मुकदमा भी नहीं लिख रही थी। जब समाज साथ खड़ा हुआ और सड़क जाम किया तो हमारी रिपोर्ट लिखी गई।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के बुधवार सुबह यहां पहुंचने की खबर पर स्थानीय प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और किसी तरह उन्हें रोकने के प्रयास किए गए। लेकिन इसके बावजूद चंद्रशेखर यहां पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द जाना और उनकी लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर यूपी के मुख्यमंत्री दलितों को इंसाफ दिलाने में असमर्थ हैं तो वो बता दें। दलित अपने तरीके से न्याय के रास्ते तलाश लेंगे।
चंद्रशेखर ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें पीड़ितों के पास पहुंचने से रोकने कोशिश की। उनकी हिम्मत पूरी तरह टूट चुकी है। भीम आर्मी प्रमुख ने आरोप लगाया, “पीड़ितों को जाति सूचक शब्द कहे गए। जानबूझकर उनपर गाड़ी चढ़ाई गई। पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। भीम आर्मी की बुलंदशहर यूनिट को मामले पर गहरी नजर रखने के लिए कहा गया है। हम पीड़ितों के साथ अन्याय नही होने देंगे। पुलिस अगर कहानी बदलने का प्रयास करती है तो भीम आर्मी इस मुद्दे को लेकर बुलंदशहर में आंदोलन करेगी।"
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