स्वतंत्रता आंदोलन में BJP-RSS की नहीं थी कोई भूमिका, कांग्रेस ने देश की एकता के लिए दी कुर्बानियांः खड़गे

खड़गे ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए उसके 'बंटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं' नारों की आलोचना की और इन्हें विभाजनकारी बताया। खड़गे ने बीजेपी नीत महाराष्ट्र की महायुति सरकार को ‘चोरों की सरकार’ करार दिया और चुनाव में उसकी हार का आह्वान किया।

स्वतंत्रता आंदोलन में BJP-RSS की नहीं थी कोई भूमिका, कांग्रेस ने देश की एकता के लिए दी कुर्बानियांः खड़गे
स्वतंत्रता आंदोलन में BJP-RSS की नहीं थी कोई भूमिका, कांग्रेस ने देश की एकता के लिए दी कुर्बानियांः खड़गे
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए लातूर में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर करारा हमला बोला। उन्होंने बीजेपी और उसके वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्वतंत्रता संग्राम और देश की एकता में कोई भूमिका नहीं होने का आरोप लगाया। खड़गे ने सत्तारूढ़ पार्टी पर तीखा हमला करते हुए उसके “बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक हैं तो सेफ हैं” नारों की आलोचना की और इन्हें विभाजनकारी बताया।

20 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार करते हुए खड़गे ने बीजेपी नीत महायुति सरकार को ‘‘चोरों की सरकार’’ करार दिया और चुनाव में उसकी हार का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा जिन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा संविधान की पुस्तक लहराने पर सवाल उठाया था। खड़गे ने कहा कि जाति जनगणना, जिसका वादा कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किया है, उसका उद्देश्य एकता को बढ़ावा देना और सभी वर्गों के लिए लाभों का समान वितरण करना है। उन्होंने कहा, “जाति जनगणना लोगों को बांटने के लिए नहीं है।”


खड़गे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगाए जा रहे क्रमशः ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे की आलोचना करते हुए कहा, “कांग्रेस नेताओं ने देश और सभी समुदायों को एकजुट रखने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इसके विपरीत बीजेपी और संघ का स्वतंत्रता आंदोलन और देश की एकता में कोई योगदान नहीं था।” खड़गे ने कहा कि महायुति ‘चोरों की सरकार’ है। विधानसभा चुनाव देशद्रोहियों को सबक सिखाने का मौका है।

रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या से लेकर धन के एकीकरण जैसे मुद्दों को उठाते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर निशाना साधा।उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में प्रतिदिन सात किसान आत्महत्या करते हैं। भारत की 62 प्रतिशत संपत्ति पांच प्रतिशत आबादी की जमीनों में केंद्रित है। 50 प्रतिशत गरीबों के पास सिर्फ तीन प्रतिशत संपत्ति है। यह मोदी, (देवेंद्र) फडणवीस, (मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे और (उपमुख्यमंत्री) अजित पवार की सरकार है।”


खड़गे ने कहा कि मोदी को अपने प्रदर्शन और कार्य विचारधारा के बारे में बोलना चाहिए तथा झूठ फैलाने से बचना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मोदी ने आम लोगों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करने (2014 के चुनावों से पहले विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के बाद) और हर साल 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने के बारे में झूठ बोला।” उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, मनरेगा और भोजन का अधिकार अधिनियम को कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों के रूप में गिनाते हुए कहा, “बीजेपी ने केवल झूठे वादे किए, जबकि कांग्रेस सरकारों ने कारखाने लगाने के लिए काम किया था।”

रैली में संविधान की एक प्रति हाथ में लिए खड़गे ने समाज और समानता के लिए बी.आर. आंबेडकर के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “केवल आंबेडकर का संविधान ही समाज के सभी वर्गों को सुरक्षा की गारंटी देता है। मोदी कहते हैं कि कांग्रेस संविधान की खाली प्रति दिखा रही है। क्या यह खाली है?” खड़गे ने कहा, “मोदी कहते हैं कि संविधान संदर्भ पुस्तक का लाल रंग नक्सलवाद का प्रतीक है और विपक्ष को शहरी नक्सली कहते हैं। मोदी ने (संविधान की) वही प्रति तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दी थी। क्या हमें उन्हें शहरी नक्सली कहना चाहिए?”

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