मध्य प्रदेश की सीमा पर मजदूरों से भेदभाव कर रही बीजेपी सरकार, दूसरे राज्यों के श्रमिकों को रोकने से तनाव
कांग्रेस ने मजदूरों के साथ इस तरह के भेदभाव पर बीजेपी पर हमला किया है। कांग्रेस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के नागरिक को ही प्रवासी कहा जा रहा है और उसे रोका जा रहा है। यह बंटवारे की राजनीति है। बीजेपी बात तो एकता और अखंडता की करती है, लेकिन कोरोना के नाम पर वह बंटवारे की मुहिम चला रही है।
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के क्रम में महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा पर रोके जाने से तनाव के हालात बन रहे हैं। बड़वानी में तो लोग प्रदर्शन और पथराव भी कर चुके हैं। कई जगह से ऐसी खबरें आने के बाद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अब राज्यों के बीच आपसी समन्वय पर जोर दिया है।
देश में जारी लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है तो वहीं दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए विशेष ट्रेन तक चलाई जा रही हैं, और बसों का सहारा भी सरकारें ले रही हैं। लेकिन इन सबके बावजूद बड़ी संख्या में मजदूर अपने साधनों और पैदल ही गांव के लिए निकल पड़े हैं।
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की सीमा गुजरात से और बड़वानी की महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है। इन दोनों ही राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर आ रहे हैं और यह मजदूर मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के भी हैं। लेकिन यहां पर दूसरे राज्यों के मजदूरों के साथ भेदभाव हो रहा है। प्रदेश के मजदूरों को तो स्क्रीनिंग के बाद राज्य के अनेक स्थानों पर भेजा जा रहा है, लेकिन अन्य राज्यों के मजदूरों को सीमा पर ही रोक दिया जा रहा है।
इसके चलते झाबुआ और बड़वानी दोनों ही स्थानों पर तनाव की स्थिति है। इससे यहां वाहनों की लंबी कतारें भी लगी हैं। रविवार को महाराष्ट्र से आने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों को जब बड़वानी के सेंधवा में रोका गया तो मजदूरों ने चक्का जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान पथराव भी किया गया। इसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए तो कई पुलिसकर्मियों को चोटें भी आईं।
इसी तरह गुजरात की ओर से आ रहे मजदूरों को झाबुआ की सीमा पर रोका गया है। यहां जिलाधिकारी प्रबल सिपाहा ने बताया, "गुजरात से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे मजदूरों को रोकने का दूरभाष पर निर्देश मिला है। इसी आधार पर मजदूरों को यहां रोका गया है।" वहीं दतिया जिले की सीमा पर भी मजदूरों को रोके जाने की बात सामने आ रही है।
कांग्रेस ने मजदूरों के साथ इस तरह के भेदभाव पर बीजेपी पर हमला किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के नागरिक को ही प्रवासी कहा जा रहा है। उसे रोका जा रहा है। यह बंटवारे की राजनीति है। बीजेपी बात तो एकता और अखंडता की करती है, लेकिन कोरोना के नाम पर वह बंटवारे की मुहिम चला रही है। तभी तो एक राज्य उत्तर प्रदेश मजदूरों को अपने यहां प्रवेश नहीं दे रहा है। उसी के चलते मध्य प्रदेश की तीन सीमाओं पर मजदूरों को रोका गया है।
इस बीच राज्य बीजेपी इकाई की टास्क फोर्स की बैठक में भी राज्यों से समन्वय का मुद्दा उठा। रविवार को प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने राज्यों की सीमा पर मजदूरों के आवागमन की समस्या के निदान का अनुरोध किया। विशेषकर उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बीजेपी के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि राज्य की टास्क फोर्स की बैठक में भी मजदूरों का विषय प्रमुखता से आया था कि दूरस्थ राज्यों से मध्यप्रदेश होकर उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के लिए जाने वाले मजदूरों को सीमा पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि और बेहतर समन्वय हो जाएगा तो समय सीमा के भीतर मजदूरों की जांच और परिवहन को सुगम बनाया जा सकेगा।
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Published: 04 May 2020, 9:00 PM