बीजेपी के ‘बैटबाज़’ विधायक के स्वागत में हर्ष फायरिंग, आकाश बोले, जरूरत पड़ी तो फिर करूंगा ‘बल्लेबाज़ी’
बीजेपी ने क्रिकेट बैट से सरकारी अधिकारी को पीटने वाले विधायक का जमानत पर छूटने के बाद फूल मालाओं से स्वागत-सम्मान किया है। वहीं बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा है कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और जरूरत पड़ी तो फिर ‘बल्लेबाज़ी’ करेंगे।
जहां जेल के बाहर आकाश का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। वहीं इंदौर में बीजेपी दफ्तर के बाहर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आकाश की रिहाई पर जश्न मनाया और जमकर ढोल की थाप पर नाचे। बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने जश्न के दौरान हवा में फायरिंग भी की।
मध्य प्रदेश में शनिवार को भोपाल सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया था। आकाश को नगर निगम अधिकारी को बैट से पीटने के आरोप में 26 जून को इंदौर में गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद आकाश पहले बीजेपी कार्यालय गए, जहां उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। जानकारी के मुताबिक आकाश का आज दिनभर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है। विधायक आकाश ने जेल से निकलने के बाद कहा, “जेल में समय अच्छा बीता।“
जमानत पर रिहा होने केनबाद आकाश ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से ‘बल्लेबाज़ी’ करेंगे।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका पर शनिवार को भोपाल की जिला एवं सत्र न्यायालय पर सुनवाई पूरी हुई थी। दोनों पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में न्यायाधीश सुरेश सिंह ने विधायक आकाश को 50 हजार रुपये की जमानत राशि पर छोड़े जाने का आदेश सुनाया।
आकाश को इंदौर शहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के मामले में भी 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। सुनवाई के बाद इंदौर से केस डायरी लेकर भोपाल पहुंचे एसआई के हाथ से ही विधायक की जमानत अर्जी को इंदौर भेज दिया गया था।
बुधवार को इंदौर-3 विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए आकाश विजयवर्गीय ने जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी। उनकी निगम कर्मचारी से पहले बहस हुई थी। अपनी इस करतूत को लेकर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि- पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को विधायक आकाश की जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया था। दूसरी जमानत अर्जी को भी एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दायर की गई थी।
कानून के जानकारों का कहना है कि जन प्रतिनिधि कानून के अनुसार अगर आकाश के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, वह मुकदमे के दौरान साबित हो जाती हैं तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो सकते हैं। यह समय सीमा सजा सुनाने की तिथि से छह साल तक प्रभावी होगी।
आकाश के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, मारपीट और बलवा के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें आईपीसी की धारा 147 और 148 के तहत कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है। केस में फैसला आने के समय अगर आकाश विधायक पद पर बने रहते हैं, तो सजा को तीन महीने तक टाल दिया जाएगा। इस दौरान वह नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं।
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Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM