बिहार में बीजेपी जिलाध्यक्ष शराब पीते कैमरे में कैद, नीतीश की शराबबंदी पर लगा सवालिया निशान

यह वीडियो झंझारपुर बीजेपी अध्यक्ष सियाराम शाह का है। कहा जा रहा है कि शाह ने झंझारपुर में पार्टी कार्यालय के अंदर शराब पार्टी की थी। वायरल वीडियो में शाह के साथ दो और लोग थे, हालांकि वीडियो में उनके चेहरे नहीं दिख रहे हैं।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बिहार में शराबबंदी को 'एक मील का पत्थर' निर्णय बताने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह फैसला सहयोगी बीजेपी के पूर्ण समर्थन से लिया था। लेकिन राज्य में बीजेपी के ही नेता इस फैसले को ठेंगा दिखा रहे हैं। दरअसल मधुबनी में बीजेपी के एक जिलाध्यक्ष शराब पीते कैमरे में कैद किए गए हैं। जिसके बाद नीतीश सरकार पर सवालिया निशान लग गया है।

यह वीडियो झंझारपुर बीजेपी जिलाध्यक्ष सियाराम शाह का है। कहा जा रहा है कि झंझारपुर बीजेपी अध्यक्ष सियाराम शाह ने झंझारपुर में पार्टी कार्यालय के अंदर शराब पार्टी की थी। पार्टी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने कानून का मजाक उड़ाया है।

वायरल वीडियो में शाह को सिगरेट पीते हुए और शराब से भरे गिलास और बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ उनके ठीक सामने एक टेबल पर रखे स्टार्टर्स (चिप्स के पैकेट) के साथ देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता के साथ दो और लोग थे, हालांकि वीडियो में उनके चेहरे नहीं दिख रहे हैं। शाह ने झंझारपुर उप-मंडल अस्पताल के पास बीजेपी जिला कार्यालय के अंदर पार्टी का आयोजन किया था।

इस मामले पर संपर्क करने पर सियाराम शाह ने कहा, "कथित वीडियो प्रामाणिक नहीं है। किसी ने मेरे खिलाफ साजिश रची है। वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और किसी ने मुझे बदनाम करने के लिए वीडियो में मेरा चेहरा दिखाया है।"


वहीं, झंझारपुर थाना प्रभारी चंद्रमणि ने कहा, "हमें वीडियो मिला है और इसकी प्रामाणिकता सत्यापित करने के लिए इसे प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन लोगों की पहचान करने के लिए जिनके चेहरे वीडियो में दिखाई नहीं दे रहे हैं, हम भी प्रयास कर रहे हैं।"

कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने कई ट्वीट पोस्ट किए और सीएम नीतीश कुमार की आलोचना की। रोहिणी ने पूछा, "आप बीजेपी जिलाध्यक्ष को कब जेल भेजेंगे? क्या शराबबंदी अधिनियम केवल गरीब लोगों और दलितों के लिए बनाया गया है?" उन्होंने कहा, "कुशासन बाबू (नीतीश कुमार) की सरकार में यह क्या हो रहा है? सत्ताधारी लोग बिहार सरकार के संरक्षण में शराब का धंधा चला रहे हैं। वे शराबबंदी के नाम पर अवैध पैसा बना रहे हैं।

गौरतलब है कि एक दिन पहले रविवार को बिहार के रोहतास में पुलिस छापेमारी में 4 मुखिया, 2 मुखिया पति सहित 18 लोग शराब पार्टी करते गिरफ्तार हुए हैं। इनमें एक पूर्व पैक्स अध्यक्ष भी हैं। पुलिस ने इन सबके पास से 125 लीटर शराब के साथ कई हथियार भी बरामद किए हैं। आए दिन बिहार में रसूखदार लोगों के शारब पीने के मामले सामने आने पर नीतीश सरकार पर सवालिया निशान लग रहा है।

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