'BJP और SP यूपी चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम बनाना चाहते हैं'- मायावती ने लगाया मिलीभगत का आरोप
बीएसपी मुखिया ने कहा कि अयोध्या और जिन्ना के बहाने बीजेपी और एसपी साठगांठ करके बयानबाजी कर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का अंदर-अंदर प्रयास किया जा रहा है। स्वार्थ की राजनीति के लिए दोनों दल हर हथकंडा अपना रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यूपी चुनाव को लेकर मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार और विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (एसपी) पर आपसी मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों हिन्दू-मुस्लिम करके यूपी चुनाव लड़ने के फिराक में लगे हैं।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस दौरान बीजेपी और एसपी पर जमकर हमला बोला और कहा कि बीजेपी और एसपी भी इन दिनों जनता को लुभाने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की जनता दोनों के झांसे में नहीं आएगी। इन पार्टियों की कथनी तथा करनी में कोई अंतर नजर नहीं आता। यह तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यह दोनों दल सिर्फ चुनाव को हिंदू-मुस्लिम का मामला बनाना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा, जैसा कि हमें 2007 में मिला था।
मायावती ने बीजेपी के 300 और एसपी के 400 सीट के दावे पर चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसे में फिर चुनाव आयोग कुल सीटें बढ़ाकर 1000 ही कर दे। उन्होंने इन दावों को हवा-हवाई बताया और कहा कि अयोध्या और जिन्ना के बहाने बीजेपी और एसपी साठगांठ करके बयानबाजी कर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का अंदर-अंदर प्रयास किया जा रहा है। स्वार्थ की राजनीति के लिए दोनों दल हर हथकंडा अपना रहे हैं।
मायावती ने कहा कि मेरी पार्टी के कार्यकर्ता मुझे पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। जबकि अखिलेश एक रथ लेकर टिकटार्थी इकट्ठा कर माहौल बना रहे हैं। बीएसपी मुखिया ने कहा कि, "केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार से जनता परेशान है। जिस तरह डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ीं हैं, जनता उसे भूलने वाली नहीं है। चुनाव में हार के डर से कीमतें कम की गई हैं, बाद में ब्याज सहित वसूलेगी। चुनाव के लिए ही राशन बांटा जा रहा है, बाद में यह मिलने वाला नहीं है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताना चाहती हूं कि यदि उनका अपना परिवार नहीं है तो मेरा भी परिवार पार्टी और सर्व समाज है। योगी संन्यासी का चोला पहनकर एक धर्म के कुछ विशेष जाति के लोगों का काम करते हैं। मायावती ने साफ कहा कि बीएसपी से जो नेता निकाले गए हैं यदि वे बड़े नेता होते तो निकालते ही क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपी से सिर्फ नेता अकेला जाता है, कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं।
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