बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत! रेपिस्टों की रिहाई पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका खारिज
गुजरात सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को माफी देते हुए 15 अगस्त को रिहा कर दिया था। इसके खिलाफ देशभर में आवाज उठी थी।
सुप्रीम कोर्ट से बिलकिस बानो को राहत नहीं मिली है। 2002 गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों के पक्ष में दिए गए छूट आदेश के खिलाफ बिलकिस बानो द्वारा दायर समीक्षा याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बिलकिस बानो ने याचिका में क्या मांग की थी?
यह पूरा मामला बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने से जुड़ा है। मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी ने एक दोषी की याचिका पर आदेश दिया था कि गुजरात सरकार 1992 की रिहाई की नीति के तहत बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर विचार कर सकती है। वहीं, बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में कहा था कि इस मामले का पूरा ट्रायल महाराष्ट्र में चला है और वहां की रिहाई नीति के तहत ऐसे घृणित अपराधों में 28 सालों से पहले रिहाई नही हो सकती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिस राज्य में अपराध होगा, उसी राज्य में दोषी की आवेदन पर विचार किया जा सकता है। अब क्योंकि बिलकिस बानो का मामला गुजरात का था, लिहाजा इस मामले में दोषियों को अपनी सजा कम करवानी थी, तो गुजरात सरकार से अपील करनी थी। जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया गया।
15 अगस्त को 11 दोषियों को किया गया था रिहा
गुजरात सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को माफी देते हुए 15 अगस्त को रिहा कर दिया था। इसके खिलाफ देशभर में आवाज उठी थी। सिविल सोसायटी के संगठनों समेत राजनीतिक दलों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। गुजरात सरकार की इस मामले में कड़ी निंदा हुई थी।
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Published: 17 Dec 2022, 11:56 AM