बिहार: वार्ड सचिवों का बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन, वेतन के बदले मिलीं लाठियां!
पटना में बीजेपी कार्यालय के बाहर सोमवार को वार्ड सचिवों ने वेतन और अपनी अन्य मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। सरकार की तरफ से वेतन देने का कोई आश्वासन तो नहीं मिला, लेकिन वार्ड सचिवों को लाठियां जरूर मिलीं।
बिहार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यालय के बाहर सोमवार को वार्ड सचिवों ने वेतन और अपनी अन्य मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। सरकार की तरफ से वेतन देने का कोई आश्वासन तो नहीं मिला, लेकिन वार्ड सचिवों को लाठियां जरूर मिलीं। दरअसल प्रदर्शनकारियों को को तितर-बितर करने की कोशिश की गई तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थर बरसा दिए। जिसके बाद पुलिस ने जमकर लाठी भांजे। बाद में पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। फिलहाल स्थिति सामान्य बनाने की कवायद चल रही है।
पुलिस के मुताबिक, सोमवार को अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में वार्ड सचिव बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस जब वहां पहुंची तब प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए और पुलिस पर पथराव प्रारंभ कर दिए।
प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने पहले वाटरकैनन के जरिए पानी की बौछार प्रारंभ कर दी। इसके बाद भी जब वे नहीं मानें तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
इस दौरान वार्ड सचिवों ने भी जमकर पत्थर बरसाए। स्थिति नियंत्रण से बाहर निकलते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन तथा आने-जाने वाले वाहनों को भी निशाना बनाया। इस बीच, वीरचंद पटेल मार्ग पर अफरातफरी की स्थिति बनी रही।
पुलिस के एक अधिकारी का दावा है कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में करीब 50 पुलिसकर्मियों को चोट आई है। कई प्रदर्शनकारियों के घायल होने की सूचना है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से सड़क को खाली करा दिया गया है, धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है।
इधर, प्रदर्शनकारी का कहना है कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर 14 दिनों से गर्दनीबाग धरनास्थल पर बैठे हैं, लेकिन उनकी सुध सरकार नहीं ले रही है। प्रदर्शनकारी बकाया मानदेय का भुगतान और स्थायीकरण की मांग को लेकर पिछले 14 दिन से गर्दनीबाग धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। सोमवार को ये सभी भाजपा कार्यालय पहुंच गए।
उल्लेखनीय है कि राज्य में एक लाख से अधिक वार्ड सचिवों की नियुक्ति की गई थी। वार्ड सचिवों का आरोप है कि लगातार पांच साल काम करने के बाद एक रुपये इन्हें नहीं मिला है। उनका कहना है कि अब सरकार उन्हें हटाकर नए वार्ड सचिवों की नियुक्ति करने जा रही है। वार्ड सचिवों की मांग है कि उनकी नियुक्ति को स्थायी किया जाए और वार्ड सचिवों को हटाने संबंधी पत्र वापस लिया जाएं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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