‘सुशासन बाबू’ के राज में जब शिक्षक अफजल ने ‘वंदे मातरम’ गाने से किया इनकार तो लोगों ने कर दिया हमला
शिक्षक अफजल हुसैन ने कहा कि मैंने वंदे मातरम नहीं गाया, क्योंकि यह हमारे धार्मिक आस्था के खिलाफ है। हम अल्लाह की इबादत करते हैं और वंदे मातरम का मतलब होता है, ‘भारत की वंदना’, जो हमारी मान्यता के खिलाफ है।
सुशासन बाबू नीतीश कुमार के राज में वंदे मातरम नहीं गाने को लेकर अब विवाद सामने आया है। मामला बीते 26 जनवरी का है। कटिहार जिले में गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रथामिक स्कूल में ध्वजारोहण के दौरान मुस्लिम शिक्षक ने वंदे मातरम नहीं गाया। जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायर हुआ स्थानीय लोगों बवाल कर दिया। गुस्साए लोग शिक्षक से हाथापाई पर उतर आए। किसी तरह से मामले को शांत कराया गया।
इस मामले में शिक्षक अफजल हुसैन का बयान भी सामने आया है। उन्होंने बताया, “गणतंत्र दिवस के मौके पर मैंने वंदे मातरम नहीं गाया, क्योंकि यह हमारे धार्मिक आस्था के खिलाफ है। हम अल्लाह की इबादत करते हैं और वंदे मातरम का मतलब होता है 'भारत की वंदना', जो हमारी मान्यता के खिलाफ है। संविधान नहीं कहता कि यह गाना जरूरी है।”
वहीं मीडिया ने जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि इस घटना के बारे में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है। शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस बारे में अगर कोई जानकारी मिलेगी की तो जांच की जाएगी, लेकिन अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।
इस मुद्दे पर बिहार सरकार का भी बयान आ गया है। मुस्लिम शिक्षक पर नीतीश सरकार ने कार्रवाई करने की बात कही है। बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा, “शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय गीत का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
देश के दूसरे राज्यों में इससे पहले भी वंदे मातरम को लेकर विवाद हो चुका हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वे वंदे मातरम अपनी धर्मिक आस्था के चलते नहीं गा सकते, लेकिन उनसे जबर्दस्ती की जाती है। कुछ जगहों पर तो मारपीट तक की गई। देश में जबसे बीजेपी की सरकार आई है, तबसे देश के कई हिस्सों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
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Published: 07 Feb 2019, 10:04 AM