चड्ढी पहनकर सुशासन का ‘फूल’ मोदी की ट्रेन में खिला…यह बिहार में सत्तारूढ़ दल के सचेतक रहे हैं
इनका नाम है गोपाल मंडल यह सिर्फ विधायक नहीं हैं, खुद को किंगमेकर भी कहते हैं। कहते तो और भी बहुत कुछ हैं। अक्सर ही कहते रहते हैं। वैसे, यह इतने खास हैं कि इनकी गाड़ी पर आज भी लिखा रहता है- पूर्व मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल, बिहार विधानसभा।
एक तस्वीर देश-विदेश के सोशल मीडिया पर वायरल है। राजधानी एक्सप्रेस के रूप में चल रही तेजस एक्सप्रेस में एक विधायक चड्डी-बनियान पहने नजर आ रहे हैं। इनका नाम है गोपाल मंडल यह सिर्फ विधायक नहीं हैं, खुद को किंगमेकर भी कहते हैं। कहते तो और भी बहुत कुछ हैं। अक्सर ही कहते रहते हैं। वैसे, यह इतने खास हैं कि इनकी गाड़ी पर आज भी लिखा रहता है- पूर्व मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल, बिहार विधानसभा। जी हां, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जब सत्ता में आई तो कुछ समय बाद इन्हें विधानसभा में सत्तारूढ़ दल का मुख्य सचेतक बनाया था।
'छोटे सरकार' की तरह ही नीतीश इन पर साधते हैं चुप्पी
भागलपुर शहर से निकलने के लिए विक्रमशिला पुल है। इससे थोड़ा आगे निकल अंदर वाला रास्ता पकड़ेंगे तो गोपाल मंडल का गांव आता है। गोपाल मंडल बिहार में सत्तारूढ़ डबल इंजन की सरकार में जेडीयू के विधायक हैं। नीतीश कुमार इन पर वैसे ही चुप्पी साधे रहते हैं, जैसे छोटे सरकार के रूप में चर्चित बाहुबली विधायक अनंत सिंह को लेकर मौन रहते थे।
अनंत सिंह को भी नीतीश ने कभी अपने अंदर सीधे तौर पर बड़ा पद नहीं दिया, गोपाल मंडल को भी नहीं। सरकार में जेडीयू आई तो ‘मंडल’ उपनाम वालों को सीधे दिल से जुड़ा बताने के लिए गोपाल मंडल को सत्तारूढ़ दल का मुख्य सचेतक बनाकर लाल बत्ती दिला दी। विधानसभा चुनाव के पहले गठबंधन को लेकर नीतीश के खिलाफ बोले हों या चुनाव के बाद जेडीयू के कमजोर प्रदर्शन पर हमलावर हुए हों, नीतीश ने गोपाल मंडल के सार्वजनिक बयानों को कभी नोटिस करता नहीं दिखाया।
दरअसल, नीतीश भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों की राजनीति को समझते हुए ही गोपाल मंडल के बारे में नहीं बोलते हैं। अब तक राज्य की सरकार, अपनी पार्टी, गठबंधन के सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी और यहां तक कि अलग-अलग नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणियों के बावजूद नीतीश कुमार ने कभी गोपाल मंडल को अपनी ओर से चुप कराने की कोई जुगत नहीं भिड़ाई। नतीजा सामने है। राजधानी एक्सप्रेस के रूप में पटना से तेजस ट्रेन की बोगियों का दूसरे ही दिन निकलना चर्चा में आ गया। पहले दिन से कई गुणा। पूरे देश में गोपाल मंडल की चड्डी-बनियान वाली तस्वीर वायरल हो रही है और लोग तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं। ट्रेन में गोपाल मंडल की इस हरकत की तस्वीर लेने और महिला यात्रियों की असहजता को लेकर उन्हें ऐसा करने पर टोकने वाले यात्री से भी इन्होंने बदसलूकी की। शुक्रवार दोपहर सहयात्री प्रहलाद पासवान की ओर से दिल्ली में बदसलूकी और छिनतई की प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।
खुद को किंगमेकर मानते हैं गोपाल मंडल
इस जंगल में हम दो शेर…नहीं, गोपाल मंडल भागलपुर में खुद को इकलौता शेर मानते हैं। खुद को कई बार किंगमेकर कह चुके हैं। एक भाजपा विधायक की हार पर तो साफ कह दिया था कि “नरेंद्र मोदी प्रचार के लिए आ गए तो वह हमको भूल गया। प्रधानमंत्री भी हमारी तरफ देखने की जरूरत नहीं समझे तो हारेगा ही न कमल फूल वाला।”
वैसे, गोपाल मंडल का बयान ही चर्चित होता है, लेकिन उनकी ठसक भी कम नहीं है। गोपालपुर में अपने गांव में अपने घर के पास पानी की टंकी बनवाई है। सरकारी योजना की यह टंकी इनकी अपनी है। घर पर सरकारी ट्रांसफार्मर दिखे और पूछेंगे तो कोई नहीं बोलेगा। सरकारी अफसर भी मुंह लगना तो दूर देखने तक से बचते हैं। नेतागिरी से ज्यादा दबंगई के लिए मशहूर गोपाल मंडल मॉब खड़ा करने के लिए भी जाने जाते हैं। अजय मंडल, बुलो मंडल, लक्ष्मीकांत मंडल… मंडल-मंडल नेताओं से भरे भागलपुर में सत्तारूढ़ दल जेडीयू को गोपाल मंडल की हमेशा जरूरत रहती है, इसलिए पार्टी भले ही उन्हें अब कोई बड़ा मंच नहीं दे लेकिन खुद से दूर नहीं करेगी- यह सब जानते हैं।
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा भी कि यह उन्हें मजबूरी में करना पड़ा, हालांकि उन्हें मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था। यह कोई कार्रवाई करने वाला मामला नहीं है।
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