बिहारः अब मोतिहारी में ध्वस्त हुई पुलिया, तेजस्वी बोले- डबल इंजन सरकार में पुल-पुलिया गिरना बनी परंपरा
तेजस्वी ने कहा कि पुल गिरना, भ्रष्टाचार, पेपर लीक, अपराध, बलात्कार, हत्या और लूट की घटना आए दिन हो रही है। सत्ता में बैठा कोई भी व्यक्ति इस पर बात नहीं करता। किस बात की डबल इंजन सरकार है? बिहार में जो है, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।
बिहार में पुल-पुलियों के टूटने का सिलसिला जारी है। अब, रविवार को पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन में एक पुलिया ध्वस्त हो गई। एक और पुलिया के ध्वस्त होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार में पुल-पुलिया गिरना परंपरा बनती जा रही है।
दरअसल रविवार को पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के मधुबन प्रखंड स्थित लोहरगावां गांव में एक पुलिया ध्वस्त हो गई। इस पुलिया का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत हुआ था। इसका निर्माण 2019 में दो लाख रुपये की लागत से किया गया था। सड़क और पुलिया के रखरखाव और अनुरंक्षण की तिथि से दो महीने पहले ही पुलिया ध्वस्त हो गई।
इस पुलिया के ध्वस्त होने से लोहरगावां गांव की करीब पांच सौ से ज्यादा की आबादी प्रभावित हो गई है। पुलिया के ध्वस्त होने से अनुसूचित जाति और अति पिछड़ा समाज के लोगों का संपर्क भी टूट गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुलिया के ध्वस्त होने से लोगों का संपर्क टूट गया है, लोग प्रभावित हैं। पुलिया ध्वस्त होने से एक शख्स इसकी चपेट में आ गया, उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया। ग्रामीणों ने पुलिया टूटने पर चिंता जताई है। उन्होंने इसके शीघ्र निर्माण की मांग की है।
इस घटना पर नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "बिहार के पूर्वी चंपारण में आज फिर एक पुल और गिरा। सरकार थोड़े गिरी है जो खबर बनेगी? बीते 19 दिनों में यह 13वां भ्रष्टाचारी पुल गिरा है। पुलिया, सड़क और बांध टूटने एवं धंसने के तो मामले अनगिनत हैं। हमने पहले भी कहा था कि यह गंभीर मसला है। बिहार में लगातार पुल गिर रहे हैं और शासन-प्रशासन चुप्पी साधे है। ऐसा लगता है यह मामूली सी बात है, यह परंपरा बनती जा रही है। मैने हमेशा इस मुद्दे को उठाया है।
उन्होंने कहा कि पुल गिरना, भ्रष्टाचार, पेपर लीक, अपराध, बलात्कार, हत्या और लूट की घटना आए दिन हो रही है। सत्ता में बैठा कोई भी व्यक्ति इस पर बात नहीं करता। किस बात की डबल इंजन सरकार है? न बिहार के लिए कुछ हो रहा है? न कुछ बात हो रही है? बिहार में जो है, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। पुल गिर रहे हैं, पेपर लीक हो रहे हैं, भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है। दिन-रात हम लोगों को गाली देने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। इनका काम सिर्फ न्यूज को डाइवर्ट करना है। बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की कोई बात नहीं हो रही है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों के ढहने के कारण दो दिन पहले नीतीश सरकार ने 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था। बिहार में ढहे पुलों में 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासाहन प्रखंड क्षेत्र में और 26 जून को मधुबनी जिले में निर्माणाधीन एक-एक पुल तथा 18 जून को अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित एक पुल भी शामिल है।
हालांकि, ऐसी दुर्घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन इन घटनाओं ने राजनीतिक वाद-विवाद को भी जन्म दिया है, जिसमें तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। लेकिन, सत्तारूढ़ एनडीए ने इसका दोष आरजेडी पर मढ़ते हुए कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने से पहले ग्रामीण कार्य विभाग आरजेडी पार्टी के पास था।
इन आरोपों पर पलटवार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हैं कि वो बिहारवासियों को बताएं कि गिरने वाले पुलों की स्वीकृति कब हुई और किसने दी, गिरने वाले पुलों की निविदा कब, किसके कार्यकाल में हुई, गिरने वाले पुलों का शिलान्यास कब और किसने किया, गिरने वाले पुलों का उद्घाटन कब और किसने किया, महज 19 दिन में 13 पुलों के गिरने से जनता की कुल कितनी गाढ़ी कमाई पानी में बह गयी?" तेजस्वी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री जी इन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करते हैं तो स्पष्ट है कि 18 वर्षों से बिहार में सत्ता पर काबिज एनडीए के नेता ऊपर से लेकर नीचे तक इस भ्रष्टाचारी व्यवस्था के संपोषक, संरक्षक, प्रायोजक और साझेदार हैं।
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