बिहारः कोरोना विस्फोट के बाद जागी नीतीश सरकार, अब अनुमंडलीय अस्पतालों में कोरोना सैंपल लेने का ऐलान
बिहार में पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों में मंगलवार को उस समय एक तरह से विस्फोट हो गया, जब प्रदेश बीजेपी के 75 नेता एक साथ पॉजिटिव पाए गए। फिलहाल कोरोना के कहर को देखते हुए सरकार ने पूरे सूबे में 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगा दिया है।
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक तेजी आने के बाद अब बिहार सरकार जागती हुई नजर आ रही है। मंगलवार को कई जगह से अचानक एक साथ कई केस मिलने के बाद सुशासन सरकार ने अब अनुमंडलीय अस्पतालों में भी नमूनों (सैंपल) के कलेक्शन की व्यवस्था करने का फैसला लिया है।
पूरे कोरोना संकट के दौर में नदारद दिखे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मंगलवार को सक्रिय नजर आए। संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द अनुमंडलीय अस्पतालों में कोरोना सैंपल के कलेक्शन की व्यवस्था करें, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा मिल सके।
समीक्षा बैठक में मंगल पांडेय ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100-100 आइसोलेशन बेड जल्द से जल्द तैयार किए जाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "इस विपदा की घड़ी में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की दिशा में राज्य सरकार अग्रसर है। बिहार में कोरोना जांच का दायरा प्रतिदिन बढ़ रहा है और यह 10 हजार से ज्यादा हो गया है। मैंने निर्देश दिया है कि जांच की इस संख्या को न केवल बरकरार रखा जाए, बल्कि इसको और ज्यादा बढ़ाया जाए।"
गौरतलब है कि बिहार में पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों में मंगलवार को एक तरह से विस्फोट हो गया, जब प्रदेश बीजेपी के 75 नेता एक साथ पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद भागलपुर डीएम सहित समाहरणालय के 80 कर्मचारियों के पॉजिटिव आने की खबर ने तो होश बिगाड़ दिए। जिसके बाद स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे सूबे में 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दे दिया है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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