बिहार: सृजन घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई, फ्लैट,प्लॉट, कार समेत 4.1 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 4.1 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 4.1 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने भागलपुर, पटना और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित 3.09 करोड़ रुपये के 12 फ्लैट, भागलपुर, देवघर और सीतामढ़ी में 87 लाख रुपये के पांच प्लॉट या घर, 11.87 लाख रुपये की एक महिंद्रा स्कॉर्पियो कार और बैंक खातों में जमा 1.2 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। अधिकारी ने कहा कि ईडी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि एसएमवीएसएसएल, भागलपुर के बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित होने के बाद सरकारी खातों से भारी धनराशि का गबन किया गया है।
सृजन घोटाले में आरोप है कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड भागलपुर के बैंक खाते से अवैध तरीके से करोड़ों रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किए गए।
सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड वास्तव में सरकारी फंड को अधिकारियों के साथ मिलकर गबन करने का तरीका बना लिया गया। एक बार सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के अकाउंट में फंड ट्रांसफर होने के बाद यह अलग-अलग लोगों और संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की सचिव मनोरमा देवी थी और वही इस घोटाले की मुख्य आरोपी थी।
अधिकारी ने कहा कि मनोरमा देवी 13 फरवरी, 2017 को अपनी मृत्यु तक समाज एसएमवीएसएसएल लिमिटेड की सचिव थीं। वह मुख्य आरोपी थीं, जो सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरुपयोग में सक्रिय रूप से शामिल थीं।
अधिकारी ने बताया कि सृजन घोटाला मामले में यह दूसरी कुर्की है। ईडी ने इससे पहले पिछले साल 29 मई को 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें व्यवसायी, सरकारी अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्ति के फ्लैट, जमीन कुर्क की गई थी।
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