बिहार: चमकी बुखार से अब तक 100 बच्चों की मौत, आरजेडी बोली- सीएम गहरी निद्रा में, बीजेपी की भी मर गई है संवेदना
बिहार में चमकी बुखार से अब तक मुजफ्फरपुर में 100 बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारी सुनील कुमार शाही ने इस बात की जानकारी दी।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है। चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब तक मरने वालों की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है।
अभी एक घंटे पहले यह आंकड़ा 90 के ऊपर थी लेकिन मौत का आंकड़ा घड़ी की सूईयों पर बढ़ती जा रही है। एसकेएमसी अस्पताल के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने बताया कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।
इससे पहले रविवार को जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन अस्पताल हालत का जायजा लेने पहुंचे तो उनके सामने दो बच्चियों की मौत हो गई। हर्षवर्धन ने मेडिकल कालेज का जायजा लेने के बाद मीडिया से कहा था, “मैं इस क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को सभी संभव आर्थिक और तकनीकी सहयोग देगी।”
आरजेडी ने बच्चों की मौत को लेकर बीजेपी और जेडीयू सरकार पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है। आरजेडी ने एक तस्वीर साझा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री और बिहार बीजेपी के नेता अश्विनी चौबे के सोने का आरोप लगाया।
आरजेडी ने ट्वीट में लिखा, “200 बच्चों की जान जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सो रहे हैं। बिहार सरकार के मंत्री भी जम्हाई ले रहे। जाने इनकी मानवीय संवेदना कहां मर गई? सीएम तो गहरी निद्रा में है ही?”
वहीं बच्चों की लगातार हो रही मौतों पर नीतीश कुमार ने दुख जाहिर किया है। सीएम नीतीश कुमार ने इस भयंकर बीमारी से मारे गए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से जल्द ही चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने इंसेफेलाइटिस को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें लीची से सावधानी बरतने के साथ-साथ कई सारी हिदायत भी दी है। एडवाइजरी के मुताबिक बच्चों को खाली पेट लीची न खाने की सलाह दी गई है, इसके साथ ही कच्ची लीची से भी परहेज करने को कहा गया है।
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