बक्सर रेल हादसा: 'बेहद डरावना था हादसे के बाद का मंजर', गार्ड और स्थानीय लोगों ने बताया आंखों देखा हाल

स्थानीय युवक हरि पाठक ने बताया कि ट्रेन नॉर्मल स्पीड से जा रही थी। तभी हमें एक तेज आवाज आई। देखा तो ट्रेन से धुआं निकल रहा था। हम लोग वहां पहुंचे तो पाया कि ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में रेल हादसे कोहराम मचा हुआ है। देर रात बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतरने के बाद अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें 20 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल लोगों को पटना एम्स रेफर किया गया है। फिलहाल रेलवे ट्रैक को ठीक करने का काम किया जा रहा है।

ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने हादसे का आंखो देखा हाल बताया है। गार्ड ने बताया कि ट्रेन नॉर्मल स्पीड से चल रही थी और मैं बैठकर अपना कुछ कागजी काम कर रहा था। इसी दौरान अचानक ब्रेक लगी और गाड़ी में धीरे-धीरे झटके आने लगे। फिर एक बड़ा झटका लगा। मैं उसी समय बेहोश हो गया। पांच मिनट बाद मुझे होश आया तो मैंने पानी से आंखों पर छींटे मारे। मुझे नहीं पता कि ड्राइवर ने अचानक से ब्रेक क्यों मारी। गार्ड ने कहा कि ड्राइवर को क्यों इस तरह ट्रेन को ब्रेक मारनी पड़ी। यह वहीं बता सकते हैं।

स्थानीय युवक हरि पाठक ने बताया कि ट्रेन नॉर्मल स्पीड से जा रही थी। तभी हमें एक तेज आवाज आई। देखा तो ट्रेन से धुआं निकल रहा था। हम लोग वहां पहुंचे तो पाया कि ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। लोग मदद के लिए पुकार रहे थे। इसके बाद पुलिस और रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई। चश्मदीद ने बताया कि हम लोगों ने भी घायलों की मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। हादसे का मंजर बेहद डरावना था।

बक्सर के डीएम अंशुल अग्रवाल के मुताबिक, फिलहाल हादसे के पीछे की वजहों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद है। हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

उत्तर मध्य रेलवे महानिदेशक तारु प्रकाश ने कहा कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। जांच करने का रेलवे का अपना तरीका होता है। उसी के तहत जांच की जा रही है। जांच में जो कुछ भी सामने आएगा उसकी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि क्रेनों ने काम करना शुरू कर दिया है ताकि रेल यातायात को बहाल किया जा सके।

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