बिहारः नीतीश सरकार में बना एक और पुल ध्वस्त, सहरसा के NH-17 पर बना पुल टूटकर कोसी में बहा
जानकारी मुताबिक बिहार सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री रत्नेश सादा के गृह पंचायत में ग्रामीण कार्य विभाग ने इस पुल को बनवाया था। ग्रामीणों ने पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पांच साल में ही पुल के टूटने पर अब सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
बिहार में पुल-पुलियों के गिरने का सिलसिला नहीं थम रहा है। लगातार पुलों के गिरने पर जारी हंगामे के बीच बुधवार को राज्य में एक और पुल ने जल समाधि ले ली। सहरसा के महिषी प्रखंड के कुंदह पंचायत में प्राणपुर एनएच-17 से बलिया-सिमर जाने वाली सड़क पर बना पुल ध्वस्त हो गया। बताया जा रहा है कि कोसी नदी में तेज बहाव के कारण यह पुल गिर गया। पुलिया टूटने की खबर के बाद मौके पर पहुंची पुलिस हालात का जायजा ले रही है। करीब पांच साल पहले इस पुल का निर्माण कराया गया था।
जानकारी मुताबिक बिहार सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री रत्नेश सादा के गृह पंचायत में ग्रामीण कार्य विभाग ने इस पुल को बनवाया था। ग्रामीणों ने पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पांच साल में ही पुल के टूटने पर अब सवाल उठ रहे हैं। पुलिया के टूटने से अब लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। पुलिया के टूटने से खासकर ग्रामीणों को आवाजाही के लिए परेशानी होगी। यह पुलिया ही उनके लिए मुख्य संपर्क का माध्यम थी।
बता दें, पिछले करीब 20 दिनों में बिहार में कई पुल ध्वस्त हो चुके हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में सीवान जिले में दो और सारण में एक पुल गिर गया। मधुबनी जिले के झंझारपुर में निर्माणाधीन पुल का बीम गिर गया। यह करीब तीन करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था। वहीं बकरा नदी के ऊपर 12 करोड़ की लागत से बन रहा पुल भी ढह गया।
इसके कुछ ही दिन बाद सीवान की गंडकी नदी पर बन रहे पुल के धराशायी होने का मामला सामने आया। फिर पूर्वी चंपारण में एक निर्माणाधीन पुल भी गिर गया। किशनगंज में कंकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली नदी पर बने रहे पुल के भी गिरने का मामला सामने आया था। इनके अलावा पंचायत स्तर पर भी कई पुल और पुलिया ध्वस्त हो चुके हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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