बिहार: गर्मी के साथ बढ़ा चमकी बुखार का खतरा, अस्पताल पहुंचने लगे एईएस के मरीज, स्वास्थ्य विभाग तैयार
बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में जैसे ही गर्मी और उमस बढ़ती है, वैसे ही एक्यूट इंसेफलाइटिस (चमकी बुखार) बीमारी से बच्चे ग्रसित होने लगते है। प्रतिवर्ष इस बीमारी से बच्चों की मौत होती है।
बिहार में गर्मी की तपिश शुरू होते ही मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस (एईएस) के मरीज सामने आने लगे। पिछले सप्ताह दो मरीज मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में भर्ती हुए, जिसमे एईएस की पुष्टि हुई है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि 30 मार्च को औराई के रहने वाले सरफराज अस्पताल में भर्ती हुए जबकि तीन अप्रैल को अनस अस्पताल पहुंचे। दोनों बच्चे ठीक हो गए, जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यू.सी. शर्मा ने बताया कि इस साल अब तक एईएस से पीड़ित छह मरीज भर्ती हुए हैं। इनमे पांच मुजफ्फरपुर के जबकि एक पूर्वी चंपारण के थे। उन्होंने बताया कि एईएस को लेकर हमलोग पूरी तरह तैयार है। इस साल हमलोग जीरो डेथ को लेकर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि एईएस को लेकर घर घर पैंपलेट बांटे जा रहे हैं, जिससे आम लोगों को इसकी जानकारी मिले।
मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में जैसे ही गर्मी और उमस बढ़ती है, वैसे ही इस बीमारी से बच्चे ग्रसित होने लगते है। प्रतिवर्ष इस बीमारी से बच्चों की मौत होती है। मुजफ्फरपुर जिले में खासकर मीनापुर, कांटी, मुसहरी और पारू प्रखंड के कई गांवों में इस बीमारी ने लोगों को खासा परेशान किया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर ग्रामीणों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन आजतक इस बीमारी से निजात दिलाने में सफलता नही मिली है।
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