यूपी के शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खबर! योगी सरकार ने तय की रिटायरमेंट की उम्र, जानें कितने साल तक कर पाएंगे नौकरी?
उत्तर प्रदेश में साल 2014 में प्रशिक्षण के जरिए पहले बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित भी किया गया था, लेकिन बाद में इनका समायोजन निरस्त कर दोबारा मानदेय पर ही काम लिया जाने लगा।
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षामित्रों के बड़ी खबर सामने आई है। राज्य की योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की रिटायरमेंट की उम्र तय कर दी है। मतलब ये कि अब यह यह हो गया है कि शिक्षामत्र कितने सालों तक नौकरी कर पाएंगे। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब शिक्षामित्र भी सामान्य शिक्षकों की तरह 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद वह स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे। राज्य सरकार रिटायर होने वाले शिक्षामित्रों का अनुबंध नहीं बढ़ाएगी। इससे पहले प्रदेश में काम कर रहे शिक्षामित्रों की रिटायरमेंट की उम्र तय नहीं थी।
1.46 लाख शिक्षामित्रों को मिलेगा फायदा
राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 1.46 लाख शिक्षामित्रों को फायदा मिलेगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार के मुताबिक, राज्य में साल 1999 से नियमित शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राथमिक स्कूलों में संविदा के आधार पर शिक्षामित्रों की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे शिक्षामित्रों का मानदेय भी बढ़ाया गया है।
उत्तर प्रदेश में साल 2014 में प्रशिक्षण के जरिए पहले बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित भी किया गया था, लेकिन बाद में इनका समायोजन निरस्त कर दोबारा मानदेय पर ही काम लिया जाने लगा। फिलहाल राज्य के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को हर महीने 10 हजार रुपये दिया जाता है। प्रदेश के शिक्षामित्रों को 11 महीने का मानदेय दिया जाता है और हर साल इनका अनुबंध नवीन किया जाता है।
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Published: 19 Feb 2023, 10:58 AM