भूपेंद्र हुड्डा ने किसानों से की ट्रैक्टर परेड में संयम की अपील, कहा- अनुशासन की राह चल रहे आंदोलन की जीत तय
भूपेंद्र हुड्डा ने कल निकलने वाली ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों से एहतेयात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ देश नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजर इस परेड पर टिकी हुई है। ऐसे में सभी किसान परेड के दौरान संयम बरतें और अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में नेता विपक्षी दल भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाले किसान ट्रैक्टर परेड को लेकर कहा कि शांति, संयम और अनुशासन के रास्ते पर चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन की जीत तय है। किसान आंदोलन को पहले दिन से अपना समर्थन दे रहे हुड्डा ने इतने बड़े आंदोलन को शानदार और बेहतरीन ढंग से चलाने वाले किसान नेतृत्व की प्रशंसा की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। लोकतंत्र में अनुशासन और अहिंसा किसी भी आंदोलन के सबसे बड़े हथियार होते हैं, जिसे किसान आंदोलन ने बखूबी समझा है। लोकतंत्र में इस रास्ते पर चलकर मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
भूपेंद्र हड्डा ने गणतंत्र दिवस के दौरान निकलने वाली ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों से एहतेयात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजर इस परेड पर टिकी हुई है। लाखों की तादाद में ट्रैक्टर इस परेड में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में सभी किसान परेड के दौरान संयम बरतें, वाहनों के बीच उचित दूरी और अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर पहले से ही लाखों किसान इस आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर चुके हैं। ट्रैक्टर परेड में कई गुणा ज्यादा किसानों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे इस परेड मार्च में ऐतिहासिक जनभागीदारी तय है। ऐसे में परेड को संचालित करने के लिए विशेष व्यवस्थाओं की जरूरत पड़ेगी, जिसमें सभी को सहयोग करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी ट्रैक्टर परेड होने जा रही है। किसान आंदोलन में अब तक करीब 150 किसान अपनी जान कुर्बान कर चुके हैं, लेकिन सरकार अब भी उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। सरकार को समझना होगा कि यह सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि जन-जन का आंदोलन बन चुका है। मजदूर, कर्मचारी, छोटा कारोबारी, हर वर्ग इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़ा है। लोग जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और राजनीति से ऊपर उठकर किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार आंदोलन को जितना लंबा खींचेगी, ये उतना ही बड़ा होता जाएगा। इसलिए, सरकार को जनभावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए।
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