भूपेन हज़ारिका के परिवार ने ठुकराया भारत रत्न, मोदी सरकार के नागरिकता कानून के विरोध में लिया फैसला
भूपेन हज़ारिका के परिवार ने भारत रत्न ठुकराने का ऐलान किया है। परिवार ने यह फैसला मोदी सरकार के नागरिकता कानून के विरोध में लिया है।
मशहूर फिल्मकार, संगीतकार भूपेन हज़ारिका का परिवार भारत रत्न नहीं लेगा। भूपेन हज़ारिका को इसी साल मोदी सरकार ने सिनेमा, संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था। लेकिन अब उनके परिवार ने भारत रत्न नहीं लेने का फैसला किया है. नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध के कारण हजारिका के परिवार ने ये घोषणा की है.
भूपेन हजारिका न केवल हिंदी बल्कि असमिया और बंगाली भाषाओं के कलाजगत के प्रमुख स्तंभ रहे। उन्हें पद्म और दादा साहेब फालके के अलावा कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है। इस साल उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था. हालांकि नागरिकता कानून के विरोध के कारण अब उनका परिवार ये सम्मान नहीं लेगा।
इस मामले में भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका का कहना है कि नागरिकता को लेकर एक अलोकप्रिय बिल पास करने की योजना चल रही है, जिसके लिए उनके पिता के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण तेज हजारिका ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में भारत रत्न सम्मान लौटाने का निर्णय किया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में काफी वक्त से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. विरोध के चलते कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। दरअसल, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के तहत नागरिकता कानून 1955 में संशोधन कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिए जाने की बात कही गई है। वहीं लोगों के जरिए इस बिल को लेकर विरोध किया जा रहा है कि इससे उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा।
इस बीच भूपेन हज़ारिका के भाई समर हज़ारिका ने कहा है कि यह फैसला भूपेन के बेटे तेज का है, लेकिन मुझे लगता है कि यह पुरस्कार भूपेन हज़ारिका को मिलना चाहिए।
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