भीमा कोरेगांव केस: आरोपी के पास टॉल्सटॉय की नहीं, बिश्वजीत रॉय की ‘वॉर एंड पीस’ किताब थी, जज ने कहा- हैरान हूं

गोन्जाल्विस के वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि मीडिया ने किताब को लेकर गलत रिपोर्टिंग की, जिसकी वजह से कोर्ट ने आरोपी के पास लियो टॉल्सटॉय की किताब की कॉपी होने के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि गोन्जाल्विस के पास टॉल्सटॉय की किताब नहीं थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भीमा कोरेगांव मामले में बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा आरोपी वर्नोन गोन्जाल्विस के पास भड़काऊ साहित्य और सीडी रखने पर सवाल खड़े किए जाने के दावे के बाद इस मामले में नई बात सामने आई है। वर्नोन गोन्जाल्विस के पास रूसी लेखक टॉल्सटॉय की किताब नहीं, बल्कि इसी से मिलते-जुलते शीर्षक वाली लेखक विश्वजीत रॉय की किताब 'वॉर एंड पीस इन जंगमहल: पीपल, स्टेट एंड माओइस्ट' पाई गई थी।

गोन्जाल्विस के वकील युग चौधरी ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि मीडिया ने किताब को लेकर गलत रिपोर्टिंग की, जिसकी वजह से कोर्ट ने आरोपी के पास लियो टॉल्सटॉय की किताब की कॉपी होने के बारे में सवाल पूछा। युग चौधरी ने कहा कि आरोपी वर्नोन गोन्जाल्विस के पंचनामा में मिली किताब बिस्वजीत रॉय की 'वॉर एंड पीस इन जंगलमहल: पीपुल, स्टेट एंड माओइस्ट' है, लियो टॉल्स्टॉय की 'वॉर एंड पीस' नहीं है।


हाई कोर्ट के जज ने कहा कि मीडिया द्वारा जो रिपोर्ट किया किया गया वह संस्थान (बॉम्बे हाईकोर्ट) को परेशान करने वाला है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा कि जो रिपोर्टि किया गया उसे जानकर मैं हैरान हूं।

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इससे पहले मीडिया में यह दावा किया गया था कि भीमा कोरेगांव मामले में आरोपियों की जमानत पर सुनवाई के दौरान बुधवार को न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कई सवाल पूछे थे। मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया था कि जज ने गोन्जाल्विस से कहा था कि यह बताइए कि अपने घर पर लियो टॉल्सटाय की किताब ‘वार एंड पीस' और कुछ सीडी जैसी आपत्तिजनक सामग्री क्यों रखी थी? मीडिया में ये भी दावा किया गया था कि कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी कि ऐसी किताबें और सीडी पहली नजर में इस बात के संकेत देते हैं कि वे राज्य के खिलाफ कुछ सामग्री रखते थे।

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Published: 29 Aug 2019, 6:46 PM