भीमा-कोरेगांव हिंसा: 12 सितंबर तक नजरबंद रहेंगे 5 मानवाधिकार कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए पुलिस की जांच को मीडिया के सामने रखे जाने के तरीके पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के बड़े अधिकारी बार-बार इस मुद्दे पर मीडिया में बयान दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार मानवधिकार कार्यकर्ताओं को अब 12 सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया है। इससे पहले उन्हें 6 सितंबर तक नजरबंद रखने का आदेश दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई अब 12 सितंबर यानी बुधवार को होगी। इस मामले में पांच लोगों कवि वरवर राव, वकील सुधा भारद्वाज, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंजाल्विस को गिरफ्तार किया गया था।
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए पुलिस की जांच को मीडिया के सामने रखे जाने के तरीके पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के बड़े अधिकारी बार-बार इस मुद्दे पर मीडिया में बयान दे रहे हैं। न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, “मैंने पुलिस अधिकारियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह से सुनी है। उसमें कहा गया था कि इस मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।” कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को कहा कि यह उनका काम नहीं है कि वह अदालत को समझाए।
बता दें कि पुणे पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर शिवाजी पवार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस केस में दखल नहीं देना चाहिए।
कोर्ट ने आगे कहा कि जब मामले की सुनवाई अदालत में रही है तो महाराष्ट्र सरकार अपनी पुलिस को ज्यादा जिम्मेदार होने का निर्देश दे। वहीं गौतम नवलखा के वकील राजू रामचंद्रन ने कहा कि नवलखा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का जो फैसला बीच में रुका हुआ है, उस पर हाई कोर्ट को फैसला सुनाने की अनुमति दी जाए।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि इन कार्यकर्ताओं को नजरबंद रखने से इस मामले की जांच प्रभावित होगी।
बता दें कि 1 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा फैली थी। इस मामले की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने 28 अगस्त को 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरनॉन गोंजाल्विस, वरवरा राव और अरुण परेरा को देश के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया था।
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