मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ ‘भारत बंद’, कहीं तोड़फोड़ तो कहीं रोकी ट्रेन, राहुल समेत कई नेताओं का समर्थन
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज भारत बंद है। 10 केंद्रीय मजदूर संघों ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। देश के अलग अलग हिस्सों में भारत बंद का असर दिखाई दे रहा है। वहीं राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने भारत बंद का समर्थन किया है।
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ कई मजदूर संगठनों के सदस्य आज देशव्यापी हड़ताल पर हैं। भारत बंद का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। इस भारत बंद में केंद्रीय यूनियनों में INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC समेत अन्य शामिल हैं। भारत बंद के दौरान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सीपीआईएम नेता वृंदा करात समेत कई नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाड़ा में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक बंद कर दिया, जबकि सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के बस ड्राइवरों ने हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाई।
वहीं मुंबई में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने भारत पेट्रोलियम में विनिवेश के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं, चेन्नई में माउंट रोड पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। चेन्नई में रेलवे और बस स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगभग 15,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
केरल में भारत बंद का असर दिखाई दे रहा है। लोग वहां पर भी केंद्र की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
तमिलनाडु में भी भारत बंद के दौरान कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आज बुधवार को आहूत देशव्यापी बंद से तमिलनाडु में आम जनजीवन प्रभावित है, लेकिन सार्वजनिक बैंकों में कामकाज प्रभावित हुआ है। राज्य में सार्वजनिक बसें और ऑटो रिक्शा सड़कों पर देखे जा सकते हैं। हालांकि आम दिनों की तुलना में आज कम बसें दिख रही हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने ट्रेड यूनियन के भारत बंद को समर्थन दिया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’के मुताबिक, बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल ने उद्योग और कर्मचारी वर्ग को खासा नुकसान पहुंचाया है। इसका कारण सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले रहे हैं।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी-शाह की सरकार की जनविरोधी नीतियों, श्रम विरोधी नीतियों ने विनाशकारी बेरोजगारी पैदा कर दी है और मोदी के धनी पूंजीवादी दोस्तों को अपनी बिक्री को सही ठहराने के लिए हमारे सार्वजनिक उपक्रमों को कमजोर कर रहे हैं। आज 25 करोड़ वर्कर्स ने भारत बंद का आह्वान किया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।
कर्मचारियों की मांगें
• सभी के लिए न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रति महीने से कम ना हो।
• स्थायी- बाहर मासी कामों के लिए ठेका प्रथा बंद हो।
• ठेका, संविदा, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जो नियमित कर्मचारी का कार्य कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए।
• बोनस और और प्रोविडेंट फंड की अदायगी पर से सभी बाध्यता सीमा हटायी जाए।
• ग्रेच्युटी का भुगतान 45 दिन प्रतिवर्ष के हिसाब से किया जाए।
• सबके लिए पेंशन सुनिश्चित किया जाए।
• केंद्रिय राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए।
• महंगाई पर रोक लगाने के लिए योजना बनाई जाए।
• श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाए।
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