बनारस क्योटो तो बना नहीं, जो था वो भी रहा नहीं: अखिलेश यादव
अखिलेश ने फोटो के साथ लिखा कि ये है देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र का हाल, सड़क को कूड़ा-घर समझने की भूल न की जाए। ये है ‘स्वच्छ भारत’? बनारस क्योटो तो बना नहीं, जो था वो भी रहा नहीं। आशा है इस पोस्ट के पब्लिश होने के बाद कल तक ये स्थान साफ़-सुथरा हो जाएगा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कई तस्वीरें शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चारों ओर फैली गंदगी का मामला उठाया और तंज कसते हुए कहा कि बनारस क्योटो तो नहीं बना, जो था वो भी नहीं रहा है।
एसपी प्रमुख ने सोमवार को 'एक्स' पर एक तस्वीर साझा की जिसमें नगर निगम के 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के बीच सोनिया तिराहा स्थित कूड़ा घर के सामने पूरी सड़क पर फैला हुआ कूड़ा दिखाई दे रहा है। अखिलेश ने तस्वीर के साथ अपने पोस्ट में लिखा, ''ये है देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र का हाल, सड़क को कूड़ा-घर समझने की भूल न की जाए। ये है ‘स्वच्छ भारत’? बनारस क्योटो तो बना नहीं, जो था वो भी रहा नहीं।
अखिलेश ने आगे कहा कि आशा है इस पोस्ट के प्रकाशित होने के बाद कल तक ये स्थान साफ़-सुथरा हो जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए दावा किया, ''भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार तो काम करती नहीं है, विपक्ष ही उससे काम करवाता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जनता अपना काम करवाने के लिए विपक्ष के पास आ रही है।''
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी को जापान के शहर क्योटो की तर्ज पर स्मार्ट शहर में बदलने का वादा किया था। वाराणसी की तरह क्योटो, जिसे 10,000 तीर्थों का शहर कहा जाता है, एक तीर्थ स्थल है और उसके बीच से एक नदी भी बहती है। लेकिन 10 साल से ज्यादा हो गए लेकिन वाराणसी की सूरत बदलने के बजाय और बिगड़ गई।
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