बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म, घर से मिला था AK-47, जानें अब कब लड़ पाएंगे चुनाव?
बिहार विधानसभा के प्रभारी सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद दोष सिद्धि की तारीख से उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म की जाती है।
बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई है। आपको बता दें, विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पत्र में अनंत सिंह की विधायक की सदस्यता रद्द करने की जानकारी दी गई है। मोकामा से राजद विधायक अनंत सिंह पर जनप्रतिनिधि नियम 1951 के तहत कार्रवाई हुई है।
बता दें कि पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक अनंत सिंह को 21 जून को 10 साल की सजा सुनायी थी। एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद से ही अनंत सिंह की विधायकी पर तलवार लटक रही थी।
बिहार विधानसभा के प्रभारी सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद दोष सिद्धि की तारीख से उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म की जाती है। बिहार विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी इस आदेश में ये भी कहा गया है कि सदस्यों की सूची को संशोधित समझा जाए।
सजा खत्म होने के 6 साल बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं
अनंत सिंह पर पुलिस ने आरोप साबित करने के लिए कोर्ट में 13 गवाहों को पेश किया था। वहीं बचाव पक्ष की ओर से 34 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था। फिर कोर्ट ने दोषी पाते हुए 10 साल की सजा सुनाई। विधानसभा या लोकसभा में ये प्रावधान है कि अगर किसी सदस्य को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उन्हें विधायक या सांसद के पद के लिए अयोग्य माना जाता है। साथ ही उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाती है। अनंत सिंह को तो 10 साल की सजा सुनाई गई। ऐसे में उनकी विधायकी खत्म हो गई है। इसके बाद वो सजा खत्म होने के 6 साल बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं।
2019 को छापेमारी के दौरान घर से एके 47 व हैंड ग्रेनेड हुआ था बरामद
बता दें कि 16 अगस्त, 2019 को छापेमारी के दौरान सिंह के घर से पुलिस ने एके 47 व हैंड ग्रेनेड बरामद किया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बीते विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह राजद के टिकट पर चुनाव लड़े और जेल में रहते हुए चुनाव जीते। अनंत सिंह की गिनती बिहार के बाहुबली विधायकों में होती है। वह अपने बयानों के लिए भी सुर्खियों में रहते आए हैं।
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