दिल्ली में खराब होने लगी हवा, वायु प्रदूषण रोकने के लिए आपात योजना की शुरुआत आज से
बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर आज से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) आपात कार्य योजना लागू करेगा, अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हवा की क्वालिटी और खराब हो सकती है।
दिल्ली में हवा की रफ्तार में गिरने के साथ वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में और गिरावट देखी गई। दिल्ली के आईटीआई जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 (बहुत खराब) आनंद विहार में 189 (हानिकारक) और मंदिर मार्ग में गुणवत्ता 180 (हानिकारक) है।
दिल्ली में हवा की गति के कम होने के चलते वायु गुणवत्ता आज भी खराब की श्रेणी में है और अधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में और भी ज्यादा गिरावट हो सकती है। केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक बीते रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 208 रहा जो कि खराब श्रेणी में आता है। इससे पहले शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 300 था। सीपीसीबी की वेबसाइट के मुताबिक, आनंदविहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 दर्ज किया गया, डीटीयू में एक्यूआई - 207, आईटीओ में एक्यूआई 204 रहा, जबकि जहांगीरपुरी में एक्यूआई 300 दर्ज किया गया जो कि बेहद खराब श्रेणी से महज एक बिंदु कम था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आज से आपात कार्य योजना लागू की जाएगी। ये कदम हवा की बेहद खराब स्थिति होने के बाद उठाए गए हैं।
क्या है आपात कार्य योजना
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘मध्यम से खराब’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता होने पर जहां भी आपात कार्य योजना लागू होता है, वहां कचरा फेंकने वाले स्थानों पर कचरा जलाना रोक दिया जाता है। इसके साथ ही ईंट भट्ठी तथा उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के सभी नियमनों को लागू कर दिया जाता है। वहीं, अगर हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में होने पर डीजल से चलने वाली जेनरेटर मशीनों का इस्तेमाल रोक दिया जाता है और मशीनीकृत वाहनों से सड़कों की सफाई की जाती है। इसके साथ ही पानी से भी छिड़काव किया जाता है और अत्यधिक धूल वाले मार्गों को चिन्हित किया जाता है। वहीं, यदि हवा की गुणवत्ता 'गंभीर और इमरजेंसी' स्तर की पाई गई तो दिल्ली में ट्रकों की एंट्री, निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाएगी। इस दिशा में कोई भी कदम उठाने के लिए टास्क फोर्स की तैनाती की जाएगी और स्थिति गंभीर होने पर स्कूलों को बंद करने का फैसला भी लिया जा सकता है।
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