बाबा सिद्दीकी हत्या मामला: हमलावरों ने यूट्यूब वीडियो से बंदूक चलाना सीखा था, मुंबई पुलिस ने किया खुलासा

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपियों से पूछताछ के दौरान पाया कि संदिग्ध हमलावर शिवकुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश में विवाह समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान बंदूक चलाना सीखा था।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल हमलावरों ने यहां कुर्ला इलाके में एक किराए के मकान में यूट्यूब पर वीडियो देखकर बंदूक और पिस्तौल चलाना सीखा था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पूर्व कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी (66) इस साल की शुरुआत में एनसीपी में शामिल हुए थे। शनिवार रात को मुंबई के निर्मल नगर इलाके में उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने उन्हें रोका और गोली मार दी थी।

मामले में जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपियों से पूछताछ के दौरान पाया कि संदिग्ध हमलावर शिवकुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश में विवाह समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान बंदूक चलाना सीखा था। गौतम अभी फरार है।

उन्होंने कहा कि कुर्ला में किराए के एक मकान में गौतम ने कश्यप और सिंह को बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिया जहां उन्होंने बंदूक (गोलियों के बगैर) चलाने का अभ्यास किया।’’

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने करीब चार सप्ताह तक यूट्यूब से वीडियो देखकर बंदूक में गोली भरना और गोली निकालना सीखा क्योंकि उन्हें अभ्यास के लिए कोई खुली जगह नहीं मिल सकी थी।


मामले में कथित सह-साजिशकर्ताओं में से एक शुभम लोनकर 24 सितंबर तक पुलिस की रडार पर था। अप्रैल में यहां सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के संबंध में लोनकर से जून में पूछताछ हुई थी क्योंकि इसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता का संदेह था।

एक अधिकारी ने बताया कि शुभम लोनकर को जनवरी में महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट थाने में दर्ज शस्त्र अधिनियम के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस ने उस मामले में दस से ज्यादा हथियार बरामद किए थे।

उन्होंने बताया कि यह पता चला कि शुभम लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के संपर्क में था। अधिकारी ने बताया कि तब से उस पर पुलिस की नजर थी लेकिन 24 सितंबर के बाद उसका कुछ पता नहीं चल पाया।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्ति एक दूसरे से संवाद के लिए ‘स्नैपचैट’ और ‘इंस्टाग्राम’ जैसे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने बताया कि शुभम लोनकर को मोबाइल फोन ऐप की जानकारी थी।

अधिकारी ने बताया कि निगरानी से बचने के लिए उसने (सिद्दीकी की हत्या की) साजिश में शामिल सभी सदस्यों को ‘इंस्टाग्राम’ के जरिए बात करने और ‘स्नैपचैट’ के जरिए संदेश भेजने को कहा था।

उन्होंने कहा कि ‘स्नैपचैट’ में एक सुविधा होती है जिसमें संदेश देख लिए जाने के बाद वे अपने आप ‘डिलीट’ हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं।

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