रामदेव की कंपनी पतंजलि के दो उत्पादों को लेकर विवाद, नकल के आरोप में हार्पिक बनाने वाली कंपनी पहुंची कोर्ट

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर हार्पिक टॉयलेट क्‍लीनर की नकल करने का आरोप लगा है। इससे पहले पतंजलि ने अपने विज्ञापन में काले रंग को बीमारी बताया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजिल आयुर्वेद लिमिटेड एक बार फिर विवादों में आ गई है। कंपनी पर हार्पिक टॉइलेट क्‍लीनर की नकल करने का आरोप लगा है। इसे लेकर रेकिट बेन्किसर इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में पंतजलि के खिलाफ केस दायर की है।

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पंतजलि के टॉइलेट क्‍लीनर ‘ग्रीन फ्लैश’ को लेकर विवाद 

रेकिट बेन्किसर इंडिया ने आरोप लगाया है कि पंतजलि का टॉइलेट क्‍लीनर ‘ग्रीन फ्लैश’ उसके उत्पाद हार्पिक जैसा है। रेकिट बेन्किसर इंडिया ने कहा है कि टॉइलेट क्‍लीनर बाजार में उसकी 80 फीसदी हिस्‍सेदारी है। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के ‘ग्रीन फ्लैश’ उत्‍पाद से उनकी कंपनी के उत्‍पाद ‘हार्पिक’ को नुकसान हो सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जनवरी, 2018 को होगी।

रेकिट बेन्किसर इंडिया ने पतंजलि कंपनी पर यह भी आरोप लगाया है कि उत्पाद की पैकिंग में दिए गए निर्देश भी उनके उत्‍पाद से मिलते-जुलते है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि पतंजलि ग्राहकों को अपने उत्‍पाद को जैविक उत्‍पाद बताकर भ्रमित भी कर रही है।

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पतंजलि के ब्यूटी उत्पाद में सांवले रंग को बताया स्किन समस्या  

इससे पहले पतंजलि अपने एक विज्ञापन में सांवले रंग को स्किन की बीमारी (चर्म रोग) बताया है, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। पतंजलि ने अपने ब्यूटी क्रीम के विज्ञापन में सांवले रंग को झुर्रियों की तरह स्किन की समस्या बताया था। इस विज्ञापन में पतंजलि सांवले रंग को कमतर समझने की समाज की धारणा को बढ़ावा देती हुई नजर आ रही है।

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