आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, स्पीकर सतीश महाना ने लिया फैसला, चुनाव आयोग को भेजी सूचना
इससे पहले गुरुवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी। आरोप है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने रामपुर के मिलक विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा में कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं।
उत्तर प्रदेश के रामपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट से 3 साल की सजा होने के बाद आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कोर्ट का आदेश प्राप्त होते ही आजम खान की सदस्य रद्द कर दी और इसकी सूचना चुनाव आयोग को भेज दी। ऐसे में अब रामपुर विधानसभा में अगले 6 महीने में चुनाव हो सकता है।
2019 लोकसभा चुनाव का मामला
इससे पहले गुरुवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी। यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है। आरोप है कि समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने रामपुर के मिलक विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा में कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इस पर काफी विवाद हुआ था और विपक्षी दलों ने भी जमकर हंगामा किया था।
बीजेपी नेता ने की थी शिकायत
इस चुनावी सभा के बाद बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ थाने में शिकायत दी थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मिलक कोतवाली में आजम खान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद यह मामला रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चला गया था।
अब आजम के पास ये विकल्प
भड़काऊ भाषण मामले में सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान के पास अब ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प मौजूद है। कानून विशेषज्ञों का कहना है कि रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जो सजा सुनाई है, उसमें उसी अदालत को जमानत देने का भी अधिकार है। साथ ही आजम खान इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में जा सकते हैं। सेशन कोर्ट में उन्हें 30 दिनों के अंदर याचिका लगानी होगी। अगर वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली तो वे हाईकोर्ट जा सकते हैं और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का भी उनके पास विकल्प मौजूद है।
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