अयोध्या फैसले को लेकर बैठकों का दौर, अमन-शांति की अपीलें, पूरे यूपी में 144, अयोध्या किले में तब्दील

अयोध्या विवाद पर फैसला आने की तारीख नजदीक आने के साथ ही बैठकों का दौर शुरु हो गया है। साथ ही अयोध्या में खास इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि शांति और सद्भाव बना रहे। पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू है और अयोध्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती शुरु कर दी गई है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है। इसके मद्देनजर अलग-अलग धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक समूहों की बैठकों को दौर शुरु हो गया है। सभी ने इस फैसले को लेकर किसी भी विवादित टिप्पण से बचने और सद्भाव का माहौल बनाए रखने की अपील की है।

शिया वक्फ बोर्ड ने इस फैसले को देखते हुए अपने सभी आयोजनों पर रोक लगा दी है। शिया वक्फ बोर्ड ने सभी वक्फ संपत्तियों पर होने वाले आयोजनों पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने वक्फ बोर्ड की इमामबाड़ा मस्जिद, दरगाह, कार्यालय, कब्रिस्तान, मजार जैसी जगहों पर अयोध्या मसले को लेकर किसी तरह का भाषण या धरना-प्रदर्शन नहीं करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश की प्रति उत्त प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी गई है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर भी एक बैठक हुई है। इस बैठक में मुस्लिम उलेमा और आरएसएस के नेता शामिल हुए।


उधर उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है। इस बीच मंदिरों-मस्जिदों और अन्य धार्मिक संगठनों और कमेटियों की तरफ से अमन-शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। इसी सिलसिले में दारूल उलूम देवबंद की आइमा संस्था ने भी लोगों से अपील की है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर ने भी विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों से अयोध्या पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करने को कहा है। वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेद्र गिरी ने भी साधु-संतों से अदालत का निर्णय आने पर शांति बनाए रखने की अपील की है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अयोध्या मामले का फैसला इससे पहले ही आने की संभावना है क्योंकि जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने ही इस मामले की सुनवाई की है।

इस बीच केंद्र सरकार ने फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेंगे। जानकारी के मुताबिक पिछले सोमवार को गृह मंत्रालय ने इस बाबत फैसला लिया था। मंत्रालय ने इसके साथ ही बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी है।


इस दौरान यूपी के करीब 128 वरिष्ठ अधिकारी अयोध्या पहुंच गए हैं। सुरक्षा बलों के रुकने के लिए 150 कॉलेजों में व्यवस्था की गई है। साथ ही अयोध्या आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने तलाशी अभियान शुरु कर दिया है। चलाए हुए है। अयोध्या के एसएसपी के मुताबिक सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे, डॉग स्क्वॉयड, एटीएस दस्ते, बीडीएस, एलआईयू आदि हाई अलर्ट पर हैं।

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओ पी सिंह का कहना है कि अयोध्या मामले में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि, “हमारा खुफिया तंत्र तैयार है। एक टीम कड़ी निगरानी रख रही है। उधर, अयोध्या प्रशासन ने जिले में जुलूस, प्रदर्शन, आयोजन पर रोक लगा दी है।“

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