अयोध्या विवाद में दलीलें सुनने का समय सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन घटाया, अब 17 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 37वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई हुई। अदालत ने सभी पक्षों को एक दिन पहले यानी 17 अक्टूबर तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया।
राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नई डेडलाइन दी है। कोर्ट के नए आदेशानुसार तीनों पक्षों को अपनी दलीलें 17 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 18 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी।
दूसरी ओर अयोध्या मामले में आज सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दलीलें दी। सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने कहा कि मस्जिद वह स्थान है, जहां अल्लाह का नाम लिया जाता है। यहां लोग नमाज अदा करते हैं। इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, ‘‘क्या मस्जिद दैवीय है? क्या यह अल्लाह को समर्पित है?’’ इस पर धवन ने कहा कि यह हमेशा से दैवीय है। हम दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं। ये अल्लाह को ही समर्पित है। बता दें कि उन्होंने दावा किया था कि 14 अक्टूबर को ही वे अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे।
राजीव धवन ने दलील देते हुए कहा कि जब बाबर 1526 में आया था तो उस जगह पर कुछ नहीं था, वहां पर खाली जमीन पड़ी थी और रही बात मस्जिद की तो मस्जिद एक ऐसी जगह हैं जो सीधे अल्लाह से जोड़ती है। मस्जिद अल्लाह का घर है।
इससे पहले गुरुवार को हिंदू पक्ष ने दलील देते हुए कहा था कि एएसआइ की खुदाई में ऐसे कई सबूत मिले हैं जिससे पता चलता है कि यहां पहले मंदिर था। उन्होंने बताया था कि बाद में इसे ही तोड़कर मस्जिद बना दिया गया। हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन ने तर्क दिया था कि खुदाई में ऐसे कई खंभे मिले हैं जो साबित करते हैं कि वहां पहले मंदिर था।
गौरतलब है कि अयोध्या मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसएस बोबडे, डीवाइ चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर कर रहे हैं। मामले की सुनवाई 6 अगस्त से शुरू हुई है।
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Published: 04 Oct 2019, 6:33 PM