अयोध्या केस: SC ने फैसला रखा सुरक्षित, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के फैसले से सभी हैरान, अब नहीं उठा रहे फोन
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी की ओर से कोर्ट में श्रीराम पांचू के माध्यम से एक आवेदन प्रस्तुत करने के बाद से किसी से बात नहीं कर रहे हैं। उनके वकीलों का कहना है कि हमारा और वे अपने दोस्तों का फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
अयोध्या केस में सभी पक्षों की बहस पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट फैसला लिखने में करीब एक महीने का वक्त लगेगा, जिसकी जानकारी सभी पक्षकारों को पहले से ही है। लेकिन इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन सुनवाई के दौरान यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड एक अलग मिजाज देखने को मिला। एक ओर कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी, तो दूसरी ओर सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी की ओर से कोर्ट में श्रीराम पांचू के माध्यम से एक आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसमें इस केस से अपना दावा वापस लिए जाने की बात कही गई है। इस फैसले को लेकर सभी मुस्लिम पक्षकार के वकील हैरान दिखाए दिए।
सुनावई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन, जफरयाब जिलानी और मकबूल मोर्चा संभाले थे, लेकिन यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इस फैसले की तनिक भी जानकारी उन्हें नहीं थी। नियम के मुताबिक, अगर कोई भी पक्षकार अपना केस वापस लेना चाहता है तो उसे अपने एडवोकेट (ऑन रिकॉर्ड) के जरिए यह बात कोर्ट के पटल पर रखनी होती है। लेकिन वक्फ बोर्ड के वकील शकील अहमद सय्यद को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, न ही बहस कर रहे वकील जफरयाब जिलानी को इस मामले को लेकर कोई खबर।
न्यूज 18 के मुताबिक, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी की ओर से कोर्ट में श्रीराम पांचू के माध्यम से एक आवेदन प्रस्तुत करने के बाद से ही किसी से बात नहीं कर रहे हैं। उनके वकीलों का कहना है कि वे फोन पर भी किसी से बात नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि वे अपने दोस्तों का फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
खबरों की माने तो पिछले दो महीने से वक्फ बोर्ड के चेयरमैन फारुकी अलग ढंग से काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मध्यस्था पैनल से कहा था कि वे एक बार फिर मध्यस्था करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए भी किसी वकील से सलाह नहीं थी। वैसे ही किया, जैसे आज अपना दावा वापस लिए जाने की बात कही। इसके बाद उन्होंने पैनल को पत्र लिखा था और कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने यूपी सरकार से सुरक्षा की मांग की थी।
गौरतलब है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी का अभी सात महीने का कार्यकाल बाकी है। उनपर हाल में वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर घोटाला करने के आरोप में 3 एफआईआर दर्ज हुई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि योगी सरकार ने सीबीआई जांच के संकेत भी दे दिए हैं। जिसके बाद से सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी के सुर बदले बदले से नजर आ रहे है।
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Published: 16 Oct 2019, 5:59 PM