Nitin Desai Death: नितिन देसाई की मौत का खुला राज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नितिन चंद्रकांत देसाई की मौत पर मुंबई के सर जे.जे. अस्पताल में किए गए ऑटोप्सी की प्रारंभिक रिपोर्ट में 'फांसी से मौत' की पुष्टि हुई है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन चंद्रकांत देसाई की मौत पर मुंबई के सर जे.जे. अस्पताल में किए गए ऑटोप्सी की प्रारंभिक रिपोर्ट में 'फांसी से मौत' की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। चार डॉक्टरों की एक टीम ने बुधवार देर रात शव का परीक्षण किया और इसकी विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने की संभावना है। रायगढ़ पुलिस ने कई कोणों से जांच शुरू की है, जिसमें वित्तीय, बाहरी या व्यावसायिक दबाव और देसाई की आत्महत्या के अन्य पहलू शामिल हैं।

बुधवार सुबह 4 बजे के आसपास खुदकुशी से कुछ घंटे पहले, वित्तीय संकट से जूझ रहे देसाई ने कथित तौर पर एक "रिकॉर्डेड आत्महत्या संदेश" छोड़ा जिसमें उन्होंने कुछ ऐसे लोगों का नाम लिया जिन्होंने उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया होगा। हालांकि, बार-बार प्रयास करने के बावजूद रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे ने इस संवेदनशील मामले पर कुछ भी बताने से इनकार किया।

देसाई का अंतिम संस्कार उनके बेटे और दो बेटियों के अमेरिका से यहां पहुंचने के बाद उनकी इच्छा के अनुसार शुक्रवार (4 अगस्त) को स्टूडियो परिसर में किया जाएगा।

नितिन देसाई ने इन सुपरहिट फिल्मों के सेट किए थे तैयार

आपको बता दें, नितिन देसाई ने साल 1989 में फिल्म परिंदा से एक आर्ट डायरेक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के सेट तैयार किए थे। जिनमें 'प्यार तो होना ही था', 'हम दिल दे चुके सनम', 'मिशन कश्मीर', 'राजू चाचा, देवदास, लगान, बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्में शामिल हैं। बेस्ट आर्ट डायरेक्टर के तौर पर नितिन देसाई को 4 बार नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।इसके अलावा उन्हें तीन बार फिल्मफेयर बेस्ड आर्ट डायरेक्शन अवॉर्ड भी मिला था।


नितिन चंद्रकांत देसाई 250 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के कारण वित्तीय संकट से जूझ रहे थे और कर्ज नहीं चुका पाने के कारण उनके खिलाफ पिछले दिनों ही दिवाला कार्यवाही शुरू की गई थी। उरण (रायगढ़) के निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में देसाई की 'एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड' 52 एकड़ में फैली हुई है, ने पुष्टि की कि रचनात्मक प्रतिभा वाले नितिन देसाई पिछले चार-पांच वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रहे थे। शायद इसी हालत ने उन्‍हें आत्महत्या के लिए उकसाया।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी), मुंबई ने लेनदारों सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि निततिन देसाई की कंपनी पर 250 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का कर्ज है। अदालत ने उनके खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का आदेश दिया था और जितेंद्र कोठारी को अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में नियुक्त किया था।

साल 2016 में देसाई, उनकी पत्‍नी नैना और उनकी फर्म ने ईसीएल फाइनेंस लिमिटेड से 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया था और फिर 2018 में उन्होंने 31 करोड़ रुपये और लिए, जो कुल 181 करोड़ रुपये था। देसाई की वित्तीय परेशानियां 2019 के आसपास शुरू हो गई थीं और मूल राशि के अनियमित या विलंबित भुगतान की एक श्रृंखला के कारण मार्च 2020 में ऋण निगरानी में आ गया, और मार्च 2021 तक इसे गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया।

फिर जून 2022 तक कुल बकाया राशि 252 करोड़ रुपये तक जमा हो गई थी, जिसके बाद जुलाई के अंत में उनके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की गई थी। देसाई ने संकट के कारणों में कोविड-19 महामारी लॉकडाउन, स्टूडियो में शूटिंग की कमी और परिसर में एक बड़ी आग का हवाला दिया था, लेकिन वह जल्द ही इससे उबरने की उम्‍मीद रखे हुए थे, यहां तक ​​कि विभिन्न पार्टियों में उनके कई राजनीतिक मित्रों ने भी उनका मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया था।

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