हरियाणा के 14 जिलों में उद्योग-धंधों के लिए स्‍वत: अनुमति, पर 15 कोरोना केस मिलते ही बंद करना होगा काम

हरियाणा के अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और यमुनानगर जिलों में औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं को काम शुरू करने लिए आवेदन करते ही स्‍वत: स्‍वीकृति मिलेगी।

फोटोः सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

केंद्रीय गृह मंत्रालय की व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने को लेकर जारी नई एडवाइजरी के बाद हरियाणा सरकार ने भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब हरियाणा में 14 जिले ऐसे होंगे, जहां औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं में गतिविधियां संचालित करने लिए ऑनलाइन आवेदन करते ही स्‍वत: स्‍वीकृति मिल जाएगी। ये 14 जिले अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और यमुनानगर हैं।

लेकिन सबसे अहम शर्त यह है कि इन जिलों में अगर कोरोना मरीजों की संख्या 15 पहुंचती है, तो यह अनुमति स्‍वत: खत्‍म भी हो जाएगी और उन्‍हें काम बंद करना होगा। इसके लिए इन इकाइयों को एसएमएस और अलर्ट भी भेजे जाएंगे। नए नियमों के मुताबिक इन 14 जिलों में 10 कोरोना पॉजिटिव केस आने पर पोर्टल पर स्वीकृति प्राप्त प्रत्येक औद्योगिक इकाईयों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को एक ऑटो-अलर्ट भेजा जाएगा कि जिले में कोविड-19 के 15 पॉजिटिव केस में से पांच कम हैं। इसी तरह, ऐसे ही संदेश कोरोना मामलों की संख्या 15 होने तक भेजे जाएंगे। जैसे ही इन मामलों की संख्या 15 पहुंचेगी, सभी अनुमतियां अपने आप वापस ले ली जाएंगी।

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के शेष 8 जिलों- फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, नूंह, पलवल, झज्जर और पंचकूला में अनुमति विकास खंड/टाउन या जोन (नगर निगम के मामले में) के स्तर पर अधिकृत कमेटी द्वारा दी जाएगी। यदि किसी ब्लॉक/टाउन या जोन में पिछले 28 दिनों में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 10 तक पहुंच जाती है, तो आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोडक़र, किसी भी औद्योगिक इकाई को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस प्रकार, किसी ब्लॉक/टाउन या जोन में कोरोना पॉजिटिव की संख्या जैसे ही 6 पहुंचेगी, तो संचालन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई सभी औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं को स्वत: ऑटो-अलर्ट भेजा जाएगा। सरकारी प्रवक्‍ता ने बताया कि उपर्युक्त जिलों के वैसे ब्लॉक/कस्बा/ जोन, जिनमें 10 से कम कोविड केस हैं, उनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के15 अप्रैल, 2020 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार अनुमति दी जाएगी और ऐसे जिलों में व्यक्तिगत इकाई को पास जारी किया जाएगा।

सरकार ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी इनैबल्ड सेवाओं की इकाइयों को छोडक़र उद्योगों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों के लिए यदि श्रम शक्ति की आवश्यकता 20 लोगों तक की है तो उनमें शत-प्रतिशत चलाने की अनुमति होगी। 20 से अधिक श्रम शक्ति की आवश्यकता के मामले में 50 प्रतिशत या 20 लोगों के साथ, जो भी अधिक हो, चलाने की अनुमति होगी। आईटी और आईटीईएस इकाइयों के मामले में यदि 20 लोगों तक की श्रम शक्ति की आवश्यकता है तो उनमें 50 प्रतिशत की अनुमति दी जाएगी। यदि आवश्यकता 20 से अधिक लोगों की है तो 33 प्रतिशत श्रम शक्ति या 10 व्यक्ति तक, जो भी अधिक हो, की अनुमति होगी।

सरकार के प्रवक्‍ता ने बताया कि निर्माण स्थलों की परियोजनाओं के लिए, इन-सिटू के प्रत्येक मामले में शत-प्रतिशत श्रम शक्ति के साथ संचालन की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए कोई पास जारी नहीं किया जाएगा। बहरहाल, गैर-इन-सिटू परियोजनाओं के मामले में कुल कार्यबल के 50 प्रतिशत के साथ कार्य करने की अनुमति होगी और इसके लिए नीले रंग के पास जारी किए जाएंगे।

सरकारी प्रवक्‍ता के अनुसार हरियाणा के 22 जिलों में से किसी भी जिले में, जिन उद्योग, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और निर्माण परियोजनाओं में श्रमिकों की संख्या 10 से कम है, तो उन्हें सरकार के पास आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी और संचालन पुन: आरंभ किया जा सकता है। बशर्ते, सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में वर्णित अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि सभी 22 जिलों में औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं में इन-सिटू लेबर के साथ संचालन करने की अनुमति दी जाएगी और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार श्रमिकों को परिसर के अंदर ही रहना होगा। सभी जिलों में अनुमति प्राप्त करने के सात दिनों के अंदर-अंदर संचालन कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो हर इकाई का अनुमोदन बिना नोटिस के रद्द किया जाएगा।

जिला प्रशासन को लगातार जमीनी स्तर पर निरंतर आकलन और निगरानी करना होगा और यदि जिले में कोविड-19 के नए मामले बढ़ते हैं तो उपायुक्त समीक्षा करेंगे। किसी भी जिले में शत-प्रतिशत निर्यातोन्मुखी इकाइयों और शत-प्रतिशत इन-सिटू श्रम वाली इकाइयों को पास जारी करने में वरीयता दी जाएगी और संचालन शुरू करने के लिए हर प्रकार की आवश्यक सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाएगा। यदि औद्योगिक इकाई या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान श्रमिकों के लिए अपने फैक्‍ट्री परिसर या परियोजना स्थल के निकट ही किसी भवन में मजदूरों के रहने की व्यवस्था का प्रबंध करते हैं तो ऐसे मामलों को इन-सिटू श्रम परियोजनाओं के समान माना जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक संचालन को फिर से शुरू करने पर बल दिया गया है, अत: शहरों सहित सभी संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में इकाइयों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल, 2020 को गठित समितियां पांच दिनों के अंदर-अंदर अपने अधिकार क्षेत्रों में अनुमोदित की गई गतिविधियों का निरीक्षण और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों एवं अन्य मानदंड की पालना की जांच करेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दिशा-निर्देश केवल उन इकाइयों पर लागू होंगे जो कंटेनमेंट जोन में नहीं पड़ती हैं।

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Published: 02 May 2020, 6:59 AM