सावधान! UP में स्वाइन फ्लू की दस्तक, घबराएं नहीं, जानें संक्रमण से बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें?
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आलोक रंजन ने फतेहपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर रामबाबू के परिवार को आइसोलेट करने की सलाह दी है। रंजन ने सभी से मास्क पहनने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने का अनुरोध किया।
उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू की दस्तक से सरकार के साथ आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। फतेहपुर जिले में एक व्यक्ति स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाया गया है। इस व्यक्ति को पिछले 10 दिनों से बुखार, सर्दी, खांसी और पीठ में दर्द था। पीड़ित व्यक्ति की पहचान रामबाबू के रूप में हुई है। रामबाबू को गुरुवार को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आलोक रंजन ने फतेहपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर रामबाबू के परिवार को आइसोलेट करने की सलाह दी है। रंजन ने सभी से मास्क पहनने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने का अनुरोध किया। केस के आने के बाद चिकित्सा अधिकारी आलोक रंजन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।
कानपुर नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी ने मृत सुअर के मलमूत्र का नमूना जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजा है। शुरुआती दौर में इन सुअरों को अफ्रीकन स्वाइन फीवर होने का शक था। इसकी पुष्टि के लिए पांच मरे हुए सुअरों का विसरा जांच के लिए भेजा गया था। पशु चिकित्सा अधिकारी ने एक रिपोर्ट तैयार करने और संदिग्ध सुअरों के नमूनों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का भी गठन किया।
उत्तर प्रदेश में मृत पाए गए सुअरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कुछ दिन पहले लखनऊ में 110 सूअरों के मरने की खबर आई थी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के साथ आम लोगों को भी अलर्ट रहने की जरूरत है।
स्वाइन फ्लू क्या है?
स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक बीमारी है, यह एक खास तरह के एंफ्लुएंजा वाइरस (एच-1 एन-1) से होता है।
फ्लू से संक्रमित लोगों में सामान्य मौसमी सर्दी और जुकाम जैसे ही लक्षण दिखते हैं, जैसे-
नाक से पानी आना या नाक बंद हो जाना।
गले में खराश होना।
सर्दी और खांसी होना।
बुखार आना।
सिरदर्द, शरीर में दर्द, थकान, ठंड लगना, पेट में दर्द होना।
दस्त और उल्टी आना।
3. कम उम्र के लोगों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को यह ज्यादा प्रभावित करता है।
4. यह संक्रमण रोगी के खांसने और छींकने से फैलता है।
5. मरीज मुंह या नाक पर हाथ रखने के बाद जिस भी चीज को छूता है, उससे संक्रमण फैलता है।
6. संक्रमित होने के 1 से 7 दिन के अंदर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए क्या करें क्या ना करें?
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ना जाएं, अगर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं
खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज से दूर रहें।
आंख, नाक और मुंह को छूने के बाद किसी दूसरे वस्तु को न छुएं और हाथों को साबुन धोते रहें।
खांसते और छींकते समय मुंह और नाक पर कपड़ा रखें।
स्टार्च (आलू, चावल आदि) और शर्करायुक्त पदार्थों का सेवन कम करें। इसके सेवन से शरीर में रोगों से लड़ने वाली विशिष्ट कोशिकाओं (न्यूट्रोफिल्स) की सक्रियता कम हो जाती है।
दही का सेवन ना करें, छाछ ले सकते हैं।
खूब उबला हुआ पानी पीएं और पोषक भोजन और फल खाएं।
सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर घर पर ही रहकर आराम करते रहें, करीब 7 से 9 घंटे की नींद लें।
स्वाइन फ्लू का सामान्य इलाज क्या है?
स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
काढ़ा बनाकर पिएं।
गिलोय का काढ़ा या ताजा गिलोय का रस 20 मिली प्रतिदिन पिएं।
नाक में दोनों तरफ तिल के तेल की 2-2 बूंदें दिन में 3 बार डाल सकते हैं।
रोजाना 2 से 3 तुलसी पत्र का सेवन कर सकते हैं।
कपूर, इलायची, लौंग मिश्रण (पाउडर) को रूमाल में बांधकर रख लें और सूंघते रहें, इससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 22 Jul 2022, 12:11 PM