विधानसभा चुनाव: 'हरियाणा की ‘डबलब्रेक’ बीजेपी सरकार को 10 साल बाद आई युवाओं की याद', कांग्रेस का सरकार पर हमला

जयराम रमेश ने कहा, ‘‘डबलब्रेक वाली हरियाणा की बीजेपी सरकार ने पिछले दस वर्षों में युवाओं को प्रताड़ित किया, भर्तियां रोके रखी या जो थोड़ी बहुत भर्तियां की, वह अपने ही लोगों को दी। कौशल रोजगार निगम यानी सरकारी ठेकेदारी के नाम पर हरियाणा के प्रतिभावान युवाओं का शोषण किया गया।"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक पुलिस कांस्टेबल और शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं के परिणामों की घोषणा पर निर्वाचन आयोग द्वारा रोक लगाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ‘डबलब्रेक’ वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 10 साल तक भर्तियों को रोके रखा और अब चुनाव की घोषणा होते ही उसे युवाओं की याद आ गई।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि हरियाणा के प्रतिभावान युवाओं का सरकारी ठेके वाली व्यवस्था के नाम पर शोषण किया गया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘डबलब्रेक वाली हरियाणा की बीजेपी सरकार ने पिछले दस वर्षों में युवाओं को प्रताड़ित किया, भर्तियां रोके रखी या जो थोड़ी बहुत भर्तियां की, वह अपने ही लोगों को दी। कौशल रोजगार निगम यानी सरकारी ठेकेदारी के नाम पर हरियाणा के प्रतिभावान युवाओं का शोषण किया गया। सरकारी भर्तियों में जमकर धांधली हुई, पेपर लीक हुए। प्रदेश में जमकर पर्ची-खर्ची का खेल चला।’’

जयराम रमेश ने कहा, ‘‘चुनाव सामने देखकर चुनाव की (तारीख की) घोषणा के दिन हरियाणा के युवाओं को बहलाने के लिए भर्तियां निकाली गई, जो सिरे चढ़नी ही नहीं थी। आज जब निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता की याद दिलाई तो युवा-विरोधी सरकार को युवाओं की याद आ गई।’’


हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के वास्ते आयोग ने बुधवार को राज्य के अधिकारियों को चुनाव संपन्न होने तक पुलिस कांस्टेबल और शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं के परिणामों की घोषणा करने से रोक दिया।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को एक ही चरण में होंगे और परिणाम चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

आयोग ने हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए 5,600 रिक्तियों, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा शिक्षकों की दो श्रेणियों के 76 पदों और हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा विभिन्न पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में नेता जयराम रमेश की शिकायत का संज्ञान लिया था।

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में केंद्र सरकार पर बेरोजगारी और ‘‘आर्थिक विफलता’’ को लेकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक मोर्चे पर इस सरकार की विफलता को दर्शाती यह एक और रिपोर्ट है। देश में 2022-23 में कुल 2.43 लाख नौकरियां घट गई हैं, 375 कंपनियों में भारी छंटनी हुई है। स्वयंभू ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री हवा-हवाई ढंग से कभी हर साल दो करोड़ नौकरी देने, तो कभी आठ करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात करते हैं, लेकिन हक़ीक़त यह है कि देश अभूतपूर्व बेरोज़गारी के संकट से जूझ रहा है।’’

जयराम रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि ‘‘स्वघोषित परमात्मा के अवतार’’ के पास इस स्थिति से निपटने और युवाओं को रोज़गार दिलाने का कोई दृष्टिकोण नहीं है।’’

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