असम के सुआलकुची को मिला बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवार्ड, रेशम बुनाई उद्योग ने जमाई धाक

सुआलकुची गांव मुगा, एरी, पैट और टसर जैसे रेशमी कपड़ों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुगा रेशम ने अपने विशिष्ट गुणों और विशेषताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी हासिल की है।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

असम के सुआलकुची गांव को इस साल शिल्प श्रेणी में ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ का पुरस्कार मिला है। रेशम बुनाई उद्योग का केंद्र होने के कारण असम के सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में अहम स्थान रखने के लिए इसे यह सम्मान दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्रालय ने शुक्रवार को इस पुरस्कार की घोषणा की।

सुआलकुची गांव मुगा, एरी, पैट और टसर जैसे रेशमी कपड़ों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुगा रेशम ने अपने विशिष्ट गुणों और विशेषताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी हासिल की है।

सुआलकुची के रेशम बुनाई उद्योग को बढ़ावा देने और उसके कल्याण के लिए काम करने वाले स्थानीय गैर सरकारी संगठन मारवेल्ला को सम्मानित किया गया है।


मारवेल्ला के सह-संस्थापक जुगल भराली ने कहा, ‘‘यह सदियों पुरानी कला को पीढ़ियों तक जीवित रखने के लिए सभी ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास का नतीजा है। हमें खुशी है कि सुआलकुची को शिल्प श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ गांवों में से एक के रूप में मान्यता मिली है।’’

सुआलकुची ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर कामरूप (ग्रामीण) जिले में स्थित है। इसे 'मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट' भी कहा जाता है।

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