'मिजोरम में जारी आर्थिक नाकेबंदी के लिए असम जिम्मेदार, ऐसा तो युद्ध के दौरान दुश्मन देश भी नहीं करता'
मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री आर. ललथंगलियाना ने असम पर अपने राज्य की आर्थिक नाकेबंदी जारी रखने का आरोप लगाया है, जबकि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति बनी है।
मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री आर. ललथंगलियाना ने असम पर अपने राज्य की आर्थिक नाकेबंदी जारी रखने का आरोप लगाया है, जबकि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति बनी है।
डॉ. आर. ललथंगलियाना ने नाकाबंदी समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई का अनुरोध करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए कहा है, मिजोरम में काम कर रहे गुवाहाटी के सभी ट्रांसपोर्टरों को मिजोरम में किसी भी सामान का परिवहन बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप मिजोरम में आने वाली आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति सहित सामान पूरी तरह से ठप हो गया है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा कि यहां तक कि युद्ध के दौरान दुश्मन देश भी चिकित्सा आपूर्ति को युद्ध के रास्ते से गुजरने देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सीमा पर संघर्ष के बाद असम की नाकेबंदी के कारण जीवन रक्षक दवाओं, विशेष रूप से कोविड रोधी दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन संयंत्र के पुजरें और परीक्षण किटों की भारी कमी हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इससे न केवल हमारी सामूहिक जांच पर असर पड़ रहा है, बल्कि हमारे मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है। मिजोरम हालांकि हवाई मार्ग से टीके प्राप्त कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 81 फीसदी आबादी को पहली और 32 फीसदी को दूसरी खुराक (कोविड-19) मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि तीन लाख डोज का स्टॉक तैयार कर लिया गया है। 13 लाख की जनसंख्या वाले इस छोटे से राज्य में 39,363 कोविड संक्रमण मामले सामने आए हैं और अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले हफ्ते, असम और मिजोरम के बीच एक बड़े तनाव के बाद, असम के छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और दोनों पक्षों के 60 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।
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