हैनी बाबू की गिरफ्तारी पर अरुंधति रॉय ने सरकार को घेरा, कहा- एक्टिविस्टों के दमन से इनका डर आया सामने
एक्टिविस्ट और लेखिका अरूंधति रॉय ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैनी बाबू की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव केस में एक के बाद एक एक्टिविस्टों, बुद्धिजीवियों और वकीलों की गिरफ्तारी मौजूदा सरकार के डर को दिखाती है।
भीमा कोरेगांव मामले में एंटी कास्ट एक्टिविस्ट और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैनी बाबू की गिरफ्तारी पर जानी-मानी लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय ने सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि हैनी बाबू की गिरफ्तारी भीमा कोरेगांव केस में एनआईए की गिरफ्तारियों की लिस्ट में सबसे ताजा है। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव केस में एक के बाद एक एक्टिविस्टों, शैक्षिक जगत से जुड़े लोगों, बुद्धिजीवियों और वकीलों की गिरफ्तारी वर्तमान सरकार के डर को दिखाती है।
अरुंधति रॉय ने कहा कि इस भीमा कोरेगांव मामले में एक्टिविस्टों, अकादमिक जगत के लोगों और वकीलों की कठोर तरीके से लगातार जारी गिरफ्तारियां मौजूदा सरकार के इस डर को दिखाती है कि ये सेकुलर, जाति विरोधी और पूंजीवादी विरोधी राजनीति की उभरती सोच और ये लोग न केवल हिंदू फासीवाद का एक वैकल्पिक नरेटिव मुहैया करा रहे हैं बल्कि समाज और अपने क्षेत्र में उसका जोरदार प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए अरुंधति रॉय ने कहा कि इस प्रकार ये खुद की विध्वंसक हिंदू राष्ट्रवादी राजनीति के सामने साफतौर पर सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक खतरा पेश करते हैं, जिसने इस देश को ऐसे संकट में पहुंचा कर खड़ा कर दिया है जिसमें हजारों-लाखों लोगों की जिंदगियां तबाह हो गई हैं और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि तबाह होने वालों में खुद उनके समर्थक भी शामिल हैं।
बता दें कि एनआईए ने एक दिन पहले हैनी बाबू को मुंबई से गिरफ्तार किया है। भीमा-कोरेगांव मामले में पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली से 23 जुलाई को मुंबई बुलाया गया था और फिर उनको वहीं गिरफ्तार कर लिया गया। हैरी बाबू दिल्ली से सटे नोएडा में रहते हैं। इसके पहले भी साल 2018 में मुंबई पुलिस उनके घर पर आकर पूछताछ की थी और कंप्यूटर समेत कई दूसरे सामान अपने साथ लेकर चली गई थी
एनआईए ने कहा है कि हैनी बाबू की गिरफ्तारी मामले में पूछताछ के दौरान सामने आए तथ्यों के बाद की गई है। एआईए का आरोप है कि मामले में पहले से गिरफ्तार सारे आरोपियों के साथ मिलकर उन्होंने एलगार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा को अंजाम देने में भूमिका निभाई थी।
इस तरह हैनी बाबू भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार होने वाले 12वें शख्स हैं। इससे पहले इस मामले में कवि वरवरा राव, सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े, एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जहां इनमें से कई की हालत बेहद खराब है। वरवरा राव समेत कई को कोरोना संक्रमण हो चुका है, लेकिन जेल में स्वास्थ्य सुविधा नहीं देने के आरोप लग रहे हैं।
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