सेना ने चीन से की हॉटलाइन पर बात, अरुणाचल से अपहृत लड़के की वापसी की मांग की, राहुल गांधी ने उठाया था मुद्दा
रक्षा पीआरओ ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के जोदो के 17 वर्षीय मिराम तरोन को कथित तौर पर पीएलए द्वारा पकड़े जाने की खबर मिलने पर सेना ने तुरंत एक हॉटलाइन के माध्यम से पीएलए से संपर्क किया। प्रोटोकॉल के तहत उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए मदद मांगी गई है।
भारतीय सेना ने हॉटलाइन के जरिये चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संपर्क किया है और अरुणाचल प्रदेश से अपहृत किशोर मिराम तरोन की वापसी की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज ही चीन द्वारा भारतीय युवक के अपहरण पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया था।
रक्षा पीआरओ ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि अरुणाचल प्रदेश के जोदो के 17 वर्षीय मिराम तरोन को कथित तौर पर एलएसी के पार पीएलए ने पकड़ लिया है। सूचना मिलने पर, भारतीय सेना ने तुरंत एक हॉटलाइन के माध्यम से पीएलए से संपर्क किया। प्रोटोकॉल के तहत उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से मदद मांगी गई है।
अरुणाचल प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने भी युवक की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को चीनी प्राधिकरण के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि युवक रिहा हो जाएगा और जल्द ही अपने गांव लौट जाएगा। अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अलो लिबांग, जो एक स्थानीय बीजेपी विधायक भी हैं, ने कहा कि उन्हें आशा है कि युवक बहुत जल्द वापस आ जाएगा।
चीनी सेना ने कथित तौर पर तरोन का भारतीय क्षेत्र से अपहरण कर लिया था, जहां चीन ने 2018 में 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया था। घटना 18 जनवरी को ऊपरी सियांग जिले की बताई जा रही है। उसके दोस्त, जो वहां से भागने में सफल रहे, ने मामले की सूचना अधिकारियों को दी और अरुणाचल पूर्व संसदीय क्षेत्र के एक सांसद तापिर गाओ के संज्ञान में यह बात लाई गई।
इसके बाद तापिर गाओ ने बुधवार को ट्वीट करते हुए बताया था कि चीन पीएलए ने ऊपरी सियांग जिले के सियुंगला क्षेत्र (बिशिंग गांव) के तहत भारतीय क्षेत्र के अंदर से मंगलवार को जिदो गांव के 17 वर्षीय मिराम तरोन का अपहरण कर लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया कि वह उसकी जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं।
गौरतलब है कि सितंबर 2020 में चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया था और उन्हें लगभग एक सप्ताह बाद रिहा किया गया था।
दरअसल उचित सड़कों की कमी के कारण क्षेत्र के ग्रामीण हमेशा अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज के पहाड़ी इलाकों से गुजरने को मजबूर होते हैं। अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
हाल ही में, चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के नाम बदल दिए थे, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि बीजिंग का ऐसा कदम इस तथ्य को नहीं बदल सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
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