मणिपुर में सशस्त्र गिरोह ने 2 लोगों की हत्या की, आदिवासी निकाय ने कांगपोकपी में 48 घंटे बंद का ऐलान किया

सीओटीयू के सूचना और प्रचार सचिव हाओकिप ने कहा कि उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों पर किए गए हमले से एक बार फिर कुकी-ज़ो-बहुल क्षेत्र में उनकी आक्रामकता का स्पष्ट संकेत मिलता है। सीओटीयू ने दोनों की हत्या में केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

मणिपुर में सशस्त्र गिरोह ने 2 लोगों की हत्या की, आदिवासी निकाय ने कांगपोकपी में 48 घंटे बंद का ऐलान किया
मणिपुर में सशस्त्र गिरोह ने 2 लोगों की हत्या की, आदिवासी निकाय ने कांगपोकपी में 48 घंटे बंद का ऐलान किया
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटना हुई है। सोमवार को कांगपोकपी जिले में अज्ञात सशस्त्र गिरोह ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आदिवासी एकता समिति ने पूरे कांगपोकपी जिले में 48 घंटे के लिए आपातकालीन बंद लगा दिया है। दोनों मृतकों की पहचान थांगमिनलुन हैंगशिंग और हेनमिनलेन वैफेई के रूप में हुई है।

पुलिस ने बताया कि यह घटना आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले के कांगचुप इलाके में हुई। हत्या के बाद आदिवासी एकता समिति, सदर हिल्स कांगपोकपी ने पूरे कांगपोकपी जिले में 48 घंटे के लिए आपातकालीन बंद लगा दिया और सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और बाजारों को बंद करने की घोषणा की और वाहनों की आवाजाही को 48 घंटे के लिए प्रतिबंधित कर दिया।

हत्या के बाद दोनों शवों को मोटबुंग पीएचसी में लाया गया, जहां मोटबुंग सामुदायिक हॉल में एक शोक समारोह आयोजित करने से पहले उनका पोस्टमार्टम किया गया। कांगपोकपी के सैकड़ों कुकी-ज़ो लोग दोनों के शव देखने के लिए गमगीफाई में एकत्र हुए और उन्‍होंने मृतकों को बंदूक की सलामी दी।

मीडिया से बात करते हुए सीओटीयू के सूचना और प्रचार सचिव थांगटिनलेन हाओकिप ने कहा कि सोमवार को उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों पर किए गए हमले से एक बार फिर कुकी-ज़ो-बहुल क्षेत्र में उनकी आक्रामकता का स्पष्ट संकेत मिलता है। सीओटीयू ने दोनों आदिवासियों की हत्या में केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।


हाओकिप ने केंद्र से पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए थांगमिनलुन हैंगशिंग और हेनमिनलेन वैफेई की भीषण हत्या का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का आग्रह किया। सीओटीयू ने केंद्र से यह भी आग्रह किया कि वह संबंधित अधिकारियों को क्रूर हमले और हत्या में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दे, साथ ही संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दे कि कुकी-ज़ो-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में ऐसा कोई हमला और हत्या न हो।

वहीं राज्य में पहले 16 नवंबर से राजमार्गों पर सीओटीयू की अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी चल रही है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा दिए जाने के खिलाफ 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था। इस मार्च का विरोध किए जाने पर मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से अब तक 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।

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