आज से सुप्रीम कोर्ट में 4 अहम फैसले आने की उम्मीद, अयोध्या से लेकर राफेल तक पर फैसले का देश को इंतज़ार
सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह देश की दशा और दिशा बदलने वाले चार बड़े फैसले आने की संभावना है। सोमवार यानी 4 नवंबर से लेकर अगले 10-12 दिनों के दौरान सुप्रीम कोर्ट अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला सुना सकती है। ये वहफैसले हैं जिनका देश के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिकक्षेत्र में संभवतः बड़ा प्रभाव हो सकता है।
इस सोमवार से देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी होंगी। अगले 10-12 दिनों में देश की सर्वोच्च अदालत कम से कम 4 ऐसे मामलों में फैसला सुनाने वाली है जो देश के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक अहमियत के हैं। इनमें अयोध्या का जमीन विवाद से लेकर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश, सीजेआई को आरटीआई के दायरे में लाना और राफेल मामला शामिल हैं।
अयोध्या मामले पर फैसला
सबसे अहम है अयोध्या जमीन विवाद का मुकदमा। इस मामले की सुनवाई अक्टूबर में पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। माना जा रहा है कि अगले 10-12 दिन में इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना देगा। 1858 से देश के सामाजिक-धार्मिक मामलों का अहम बिंदु रहा यह मुकदमा देश की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक दशा और दिशा तय कर सकता है।
अयोध्या मामले का फैसला इस विवाद के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय होगा। फैसला आने से पहले इस तरह की अटकलें तेज हैं कि क्या पांच जजो वाली संवैधानिक पीठ सर्वसम्मति से फैसला देगी? इस तरह के विवादित मुद्दे पर, जिसने हिंदुओं और मुस्लिमों को विभाजित किया है, क्या एकमत से फैसले को स्वीकार किया जाएगा, क्योंकि यह किसी भी तरह की अस्पष्टता को दूर करेगा जो 4-1 या 3-2 (5 जजों के बीच) के फैसले के कारण हो सकती है।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश
दूसरा अहम मामला है सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की पीठ अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करके फैसला देगी जिसमें हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के अयप्पा मंदिर के अंदर जाने की इजाजत दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच जजों की पीठ ने इस मामले में दायर करीब 65 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद इस साल 6 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन 65 याचिकाओं में से 57 याचिकाएं अदालत को 28 सितंबर, 2018 के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दाखिल की गई थीं और 28 याचिकाएं हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के अंदर प्रवेश की अनुमति देने के खिलाफ दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं, इसलिए 10 से 50 साल के बीच की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
क्या सीजेआई आएंगे आरटीआई के दायरे में !
तीसरा अहम मामला है मुख्य न्यायाधीश को आरटीआई दायरे में लाना। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच जजों की पीठ ने इस साल चार अप्रैल को उस अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें सीजेआई ऑफिस को आरटीआई के तहत लाने की अनुमति देने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका को आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने दाखिल किया था।
राफेल पर सरकार को क्लीनचिट देने के फैसले का इंतजार
चौथा और अहम मामला है राफेल का। इस मामले की सुनवाई भी सीजेआई के नेतृत्व में तीन जजों की पीठ ने की थी और अब पिछले साल दिए अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर उसे फैसला देना है। पिछले साल फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने में एनडीए सरकार द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें अदालत ने सरकार को क्लीनचिट दी थी। अदालत को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। जिसपर फैसला आने का इंतजार है। सीजेआई की पीठ ने 10 मई को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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Published: 04 Nov 2019, 7:00 AM