मराठा आरक्षण: एक और शख्स ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में फडणवीस सरकार को बताया जिम्मेदार
महाराष्ट्र में भले ही मराठा आरक्षण को लेकर चल रही हिंसा और प्रदर्शन में कमी आई हो, लेकिन मराठा समुदाय के लोगों के खुदकुशी करने का सिलसिला जारी है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक और युवक ने सुसाइड कर लिया है।
सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी मराठा आंदोलन के चलते होने वाली आत्महत्याएं थम नहीं रही हैं। आरक्षण की मांग को लेकर 26 साल के युवक अरुण भडाले ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि उसने फड़णवीस सरकार पर आरक्षण न देने और झूठे वादे करने से तंग आकर ये कदम उठाया है।
अपने सुसाइड नोट में मृतक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। नोट में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने हमारे सामने आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं छोड़ा है। शनिवार सुबह हुई इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल पहुंच कर शव को कब्ज़े में ले लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार अरुण एक दिहाड़ी मजदूर था और मुंबई में अपने दोस्तों के साथ रहता था। पुलिस ने अरुण के परिजनों को सूचित कर दिया है। बताया जा रहा है कि अरुण ने मुंबई में हुए मराठा बंद में अहम भूमिका निभाई थी।
दो दिन पहले भी एक युवक ने आरक्षण के नाम पर खुदकुशी कर ली थी। औरंगाबाद शहर में मराठा समुदाय के एक बेरोजगार व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार दोपहर बाद चिकलथाना इलाके के चौधरी कॉलोनी में अपने घर में उमेश आत्माराम इंदैत ने फांसी लगा ली। इंदैत ने कथित सुसाइड नोट में नौकरी नहीं मिलने की बात कही थी।
दरअसल, मराठा संगठन अपने समुदाय के लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले दो हफ्तों में युवकों की आत्महत्या के करीब 7 मामले सामने आ चुके हैं।
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