प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली पर एक और कहर, मेट्रो के चौथे चरण के लिए हटाए जाएंगे 3,000 से अधिक पेड़
दिल्ली पेड़ संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत इसकी अनुमति दी गई है। इसके तहत उत्तर मंडल में 2,940 पेड़ों में से 1,963 का प्रत्यारोपण होगा, जबकि 977 को काटा जाएगा। जबकि दक्षिण मंडल ने एरोसिटी और तुगलकाबाद के बीच लाइन के लिए 450 पेड़ों को हटाने की अनुमति दी है।
प्रदूषण की मार और पहले से हरियाली की कमी झेल रही राजधानी दिल्ली को एक और झटका लगने वाला है। दरअसल दिल्ली मेट्रो के फेज 4 लाइन के लिए जनकपुरी पश्चिम से आर के आश्रम के बीच 3,390 पेड़ों को हटाने का फैसला हुआ है। हालांकि, इनमें कई पेड़ों को दूसरी जगह प्रत्यारोपित किया जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की यह लाइन जनकपुरी पश्चिम से आर के आश्रम के बीच 29.26 किमी की दूरी तय करेगी और इसमें 22 स्टेशन होंगे। वन विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को उत्तर वन प्रभाग में 2,940 और दक्षिण वन प्रभाग में 450 पेड़ों को गिराने या प्रत्यारोपित करने की अनुमति दी है। दिल्ली पेड़ संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत उप वन संरक्षक (उत्तर) द्वारा अनुमति जारी की गई है।
इसके तहत उत्तर मंडल में कुल 2,940 पेड़ों में से 1,963 का प्रत्यारोपण किया जाएगा, जबकि 977 को काटा जाएगा। पेड़ जनकपुरी पश्चिम और मुकरबा चौक और मुकरबा चौक से डेरावल नगर के बीच मेट्रो लाइन के लिए रास्ता देंगे। वन विभाग के आदेश के अनुसार पेड़ों को हैदरपुर के एक पार्क और आउटर रिंग रोड के पास के हिस्से में ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
उप वन संरक्षक (दक्षिण) ने एरोसिटी और तुगलकाबाद के बीच प्रस्तावित 23.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन के खानपुर से संगम विहार खंड के लिए 450 पेड़ों को हटाने की भी अनुमति दी है।
हालांकि, यमुना बाढ़ के मैदानों में प्रतिपूरक वृक्षारोपण के रूप में 30,000 पौधे लगाए जाएंगे।
आईटीओ ब्रिज और एनएच-24 के बीच कुल 20,000 पौधे लगाए जाएंगे और गीता कॉलोनी ब्रिज और शांतिवन ड्रेन के बीच 10,000 अन्य पौधे लगाए जाएंगे।
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