किसान आंदोलन में एक और अन्नदाता की गई जान, पानी की बौछार में भीगने के बाद 3 दिन से थे बीमार
मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन में में आज तीसरी मौत हो गई। टिकरी बॉर्डर पर धरने में शामिल लुधियाना के किसान गज्जन सिंह की दिल का दौरा पड़ने से जान चली गई। इसके दो दिन पहले भिवानी में और रविवार को बहादुरगढ़ में हुए हादसे में एक-एक किसान की मौत हो गई थी।
मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले पंजाब के किसानों के जत्थे में शामिल एक किसान की रविवार रात अचानक मौत हो गई। मृतक की पहचान गज्जन सिंह के रूप में हुई है, जो लुधियाना के भगवानपुरा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया। बता दें कि किसान आंदोलन में यह तीसरे किसान की मौत है।
फिलहाल मौत का कारण हार्टअटैक माना जा रहा है, लेकिन कुछ लोग ठंड को भी कारण बता रहे हैं। उनके साथियों का कहना है कि दिल्ली आने के दौरान हरियाणा के जुलाना में हुई पानी की बौछार में भीगने के कारण वह 3 दिनों से बीमार थे। लोगों ने बताया कि गज्जन सिंह बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के पास ही रुके थे। देर रात वह लघुशंका के लिए सड़क से कुछ दूर गए और वहीं पर गिर पड़े। साथी किसानों ने उन्हें संभाला और अचेतावस्था में पास के जीवन ज्योति अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
खबर लिखे जाने तक भारतीय किसान यूनियन नेताओं ने पोस्टमार्टम करवाने से पहले सरकार के सामने चार मांगें रखते हुए पूरी होने के बाद ही पोस्टमॉर्टम करवाने और शव लेने की बात कही है। उधर, गज्जन सिंह के भतीजे और परिवार के लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए किसान की हत्या के आरोप में हरियाणा के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। परिवार के लोगों ने भी गज्जन सिंह का शव लेने से मना कर दिया है।
बता दें कि किसानों के आंदोलन के दौरान हरियाणा में अब तक 3 किसानों की जान जा चुकी है। दो दिन पहले भिवानी में एक आंदोलकारी जत्थे में शामिल किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वहीं शनिवार रात को बहादुरगढ़ में बाईपास पर एक हादसे में जनकराज की मौत हो गई थी। अब रविवार देर रात टिकरी बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसान गज्जन सिंह की मौत से किसानों में भारी गुस्सा है।
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