बिहार में बीजेपी को एक और झटका, अब जाएगा विधानसभा अध्यक्ष का पद, विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश
अविश्वास प्रस्ताव के बाद अब विजय कुमार सिन्हा को स्पीकर बने रहने के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। पर्याप्त संख्या नहीं होने पर उन्हें पद छोड़ना होगा। अभी बीजेपी के पास 77 विधायक हैं, जो सिन्हा के अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
बिहार में नीतीश कुमार के झटके से अभी बीजेपी उबर भी नहीं पाई थी कि महागठबंधन ने उसे एक और झटका दे दिया है। ललित यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है, जिसके बाद स्पीकर का पद बीजेपी के हाथ से जाना तय है।
बिहार विधानसभा के सचिव के समक्ष बुधवार को महागठबंधन के 50 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा गया। अविश्वास प्रस्ताव के तहत अब विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष के रूप में अपना पद बरकरार रखने के लिए विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करना होगा। यदि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है, तो उन्हें पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन वर्तमान में, बीजेपी के पास 77 विधायक हैं, जो सिन्हा के लिए अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
महागठबंधन की नई सरकार में आरजेडी के सबसे वरिष्ठ विधायक अवध बिहारी चौधरी अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि जेडीयू के विजय कुमार चौधरी का नाम भी रेस में चल रहा है जो पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री थे और पहले भी स्पीकर रह चुके हैं। वहीं नई सरकार में स्पीकर का पद कांग्रेस को भी दिए जाने की चर्चा है। फिलहाल इस पर फैसला नहीं हुआ है।
वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी के शपथ के बाद उनकी कैबिनेट को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। खबरों के अनुसार जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के बीच बातचीत के अनुसार, वित्त मंत्रालय, पर्यावरण और वन, भूमि रिकॉर्ड और राजस्व, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग आरजेडी के पास जा सकते हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह मंत्रालय और सामान्य प्रशासन अपने पास रखेंगे जबकि शिक्षा, भवन निर्माण और अन्य प्रमुख विभाग जेडीयू के पास रहेंगे।
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